Advertisement

हरियाणा: ठेके पर होगी सरकारी स्कूलों में भर्तियां, विपक्ष ने उठाए सवाल

इनेलो के मुताबिक इनके साथ ना केवल 7 साल का अनुबंध किया गया है बल्कि एजेंसियों को भर्ती करने के लिए बकायदा 2.1 परसेंट कमीशन देने का प्रावधान भी किया है.

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर
जावेद अख़्तर/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 02 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 1:15 AM IST

हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन पर नौकरियां बेचे जाने का आरोप लगने के बाद अब राज्य सरकार एक और विवाद में घिरती नजर आ रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के मुताबिक राज्य सरकार ने स्कूलों में तीसरे और चौथी दर्जे के कर्मचारियों की भर्ती का ठेका कुछ एजेंसियों को दे दिया है.

इनेलो के मुताबिक इनके साथ ना केवल 7 साल का अनुबंध किया गया है बल्कि एजेंसियों को भर्ती करने के लिए बकायदा 2.1 परसेंट कमीशन देने का प्रावधान भी किया है.

Advertisement

इनेलो के सांसद दुष्यंत चौटाला के मुताबिक, राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में खाली पड़े 3000 पदों पर भर्तियां करने का ठेका निजी एजेंसियों को सौंप दिया है. इनेलो ने सरकार के इस कदम को बेरोजगार विरोधी बताया है और कहा है कि कमीशन देकर की गई भर्तियों से राज्य के स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरेगा.

"मनोहर लाल खट्टर सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने का पूरा बंदोबस्त कर लिया है. सरकार अब स्कूलों में कर्मचारियों की नियमित भर्ती करने के बजाय निजी कंपनियों के मार्फत भर्ती करेगी." दुष्यंत चौटाला ने कहा.

इनेलो सांसद के मुताबिक सरकार के इस जनविरोधी निर्णय से न केवल रोजगार पाने के अधिकार का हनन हुआ है बल्कि कानून द्वारा दिए गए आरक्षण के प्रावधानों की भी अनदेखी की गई है.

"खट्टर सरकार द्वारा गुजरात मॉडल पर की जा रही आउटसोर्सिंग की नीति से हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन व रोजगार कार्यालय जैसी संवैधानिक संस्थाओं का अस्तित्व भी खतरें में पड़ गया है. जिस प्रकार मुख्यमंत्री के अनुमोदन से कर्मचारियों की भर्ती करने वाली निजी फर्मों की सूची तैयार की गई है उससे स्पष्ट है मुख्यमंत्री महोदय ने यह कदम अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ही किया है," दुष्यंत चौटाला ने कहा.

Advertisement

इनेलो ने मांग की कि सरकार शिक्षा विभाग में निजीकरण के इस फैसले तुरंत वापस ले अन्यथा उनको मजबूर होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement