
हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के खिलाफ एक और चार्जशीट लाने को तैयार है. अभी बमुश्किल 3 हफ्ते पहले ही प्रदेश सरकार ने खेमका के खिलाफ एक चार्जशीट को मंजूरी दी थी. ऐसा लगता है कि इस ईमानदार अधिकारी की राह के रोड़े दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं.
इससे पहले वाली चार्जशीट रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच डील का म्यूटेशन कैंसिल किए जाने से संबंधित थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि खेमका ने प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन किया और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया.
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा के सीएम भूपेंदर सिंह हुड्डा ने बुधवार को ही अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट को मंजूरी दी है. इसमें खेमका पर आरोप है, उन्होंने हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC) के प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए गेहूं के बीज की कीमत कम रखी. खेमका 15 अक्टूबर, 2012 से लेकर 4 अप्रैल, 2013 तक इस पद पर थे. जानकारी के मुताबिक, कृषि विभाग के मुख्य सचिव रोशन लाल ने पहली बार अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट लाने की सिफारिश की थी.
बताया जाता है कि इस मामले में सरकार ने अशोक खेमका से कोई सफाई नहीं मांगी. मुख्य सचिव पीके चौधरी अशोक खेमका को फिलहाल चार्जशीट देने के पक्ष में नहीं थे, इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने ऐसा किया. पीके चौधरी का मानना था कि बीजों की बिक्री के मामले में अगर कोई गड़बड़ी हुई है, तो इस मामले और खेमका के रोल की पूरी जांच के बाद ही चार्जशीट दी जानी चाहिए.
इसके बावजूद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस डिल्लन ने इन आपत्तियों को खारिज कर दिया और खेमका के खिलाफ चार्जशीट की सिफारिश करते हुए इसे सीएम के पास भेज दिया.
इस मामले में सरकार का कोई भी बड़ा अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है. मामले को बेवजह तूल देने से बचते हुए इस मामले में अशोक खेमका ने भी चार्जशीट के बारे में अपनी राय नहीं दी.