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खट्टर-दुष्यंत के साथ मंत्रिमंडल ने क्यों नहीं ली शपथ? निर्दलीयों को लेकर भी अटकलें तेज

हरियाणा की सत्ता पर दूसरी बार काबिज होकर मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहर लाल खट्टर की नई कैबिनेट पूरी तरह से बदली हुई नजर आएगी. हालांकि, नई कैबिनेट के बारे में अभी पत्ते नहीं खुले हैं, लेकिन जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बीजेपी नेताओं को कैबिनेट में जगह देने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.

हरियाणा में शपथ ग्रहण समारोह में मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला हरियाणा में शपथ ग्रहण समारोह में मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

  • हरियाणा सरकार में कुल 13 मंत्री बन सकते हैं
  • जेजेपी के कोटे से कितने मंत्री बनाए जाएंगे?
  • बीजेपी निर्दलीयों को भी मंत्री बना सकती है

हरियाणा की सत्ता पर दूसरी बार काबिज होकर मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहर लाल खट्टर की नई कैबिनेट पूरी तरह से बदली हुई नजर आएगी. अनिल विज और डॉ. बनवारी लाल को छोड़ कर सारे दिग्गज मंत्री चुनाव हार चुके हैं ऐसे में नए चेहरों की लॉटरी लगना तय है. रविवार को मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला के साथ माना जा रहा था कि कैबिनेट के बाकी नेता भी शपथ लेंगे, लेकिन आखिरी वक्त में मंत्रियों का शपथ ग्रहण नहीं कराया गया. इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि नई कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी और किसे नहीं?

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हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी नई कैबिनेट के बारे में अभी पत्ते नहीं खोले हैं. जबकि, जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बीजेपी नेताओं को भी कैबिनेट में जगह देने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. इस बार बीजेपी के ओमप्रकाश धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु सरीखे बड़े जाट चेहरे चुनाव हार गए हैं. ऐसे में बीजेपी केवल जेजेपी के सहारे जाट समुदाय को नहीं छोड़ना चाहती है. इसी के मद्देनजर बीजेपी जाट समुदाय से किसे मंत्री बनाए इसी पशोपेश में फंसी हुई है.

बता दें कि हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा है. नियमों के मुताबिक राज्य की कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाया है. हालांकि जेजेपी के समर्थन से पहले निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को अपने समर्थन का ऐलान कर दिया था. इस तरह से बीजेपी के सामने जेजेपी के साथ निर्दलीय विधायकों को साधकर रखने की चुनौती है. इसी के तहत निर्दलीय विधायकों में से किसे मंत्री बनाया जाए और किसे नहीं इसे लेकर माथापच्ची है.

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सूत्रों की मानें तो जेजेपी उप मुख्यमंत्री के अलावा दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री के पद मांग रही है. जबकि बीजेपी डिप्टी सीएम के बाद एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री जेजेपी को देना चाहती है. इस तरह से सीएम के अलावा 10 मंत्री के पद बीजेपी के पास बचते हैं. इन्हीं में बीजेपी को अपने और निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में जगह देना होगा. इतना ही नहीं बीजेपी जेजेपी के उन विधायकों को मंत्री बनाने पर भी तैयार नहीं है, जो उसके दिग्गज नेताओं को हराकर विधायक बने हैं.

बीजेपी के कोटे से अंबाला छावनी से लगातार चुनाव जीतते आ रहे अनिल विज और जगाधरी से चुनाव जीते स्पीकर कंवरपाल गुर्जर का मनोहर लाल की नई कैबिनेट में मंत्री बनना लगभग तय है. जबकि थानेसर से चुनाव जीते सुभाष सुधा, घरौंडा से जीते हरविंद्र कल्याण और पानीपत ग्रामीण से चुनाव जीते महीपाल ढांडा का नाम मंत्री पद की दौड़ में है. वहीं, अहिरवाल इलाके को साधे रखने के बीजेपी नांगल चौधरी सीट से चुनाव जीते डॉ. अभय सिंह यादव मंत्री पद के सशक्त दावेदार माने जा रहे हैं.

भिवानी से घनश्याम सर्राफ, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, हिसार से डॉ. कमल गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला और पलवल से दीपक मंगला चुनाव जीते हैं. ऐसे में बीजेपी अपने परंपरागत वोटबैंक को साधे रखने के लिए इन वैश्य नेताओं में से किसी एक को मंत्री बना सकती है. बड़खल से जीतीं सीमा त्रिखा भी मंत्री की रेस में बनी हुई हैं.

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वहीं, बीजेपी अगर निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में जगह देती है तो गैर जाट नयन पाल रावत की किस्मत खुल सकती है. साथ ही निर्दलीय जाट विधायकों में से रोहतक की महम विधानसभा से विधायक बलराज कुंडू और दादरी से विधायक बने सोमवीर सांगवान को मंत्री बनाए जाने की संभावना दिख रही है. ये दोनों विधायक चुनाव से पहले बीजेपी से टिकट मांग रहे थे. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर आए. बीजेपी इन्हें किसी भी सूरत में अपने से दूर नहीं करना चाहेगी, क्योंकि इन्हीं की बदौलत बीजेपी जेजेपी के साथ संतुलन बनाकर रहेगी.

हरियाणा में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली जेजेपी कोटे के मंत्री के जरिए जातीय संतुलन को साधे रखना चाहती है. दुष्यंत चौटाला खुद डिप्टी सीएम बने हैं और वो नारनौंद से चुनाव जीते रामकुमार गौतम को मंत्री बनवाना चाहते हैं. गौतम बीजेपी के मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराकर आए हैं. ऐसे ही टोहाना में देवेंद्र सिंह बबली ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को करारी मात दी है.

शाहाबाद मारकंडा से चुनाव जीते रामकुमार काला भी मंत्री पद के दावेदार हैं, लेकिन उन्होंने बीजेपी सरकार में राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को हराया है. गुहला चीका से चुनाव जीते पूर्व राज्यसभा सदस्य चौधरी ईश्वर सिंह और उकलाना से चुनाव जीते अनूप धानक भी मंत्री की रेस में माने जा रहे हैं. ऐसे में जेजेपी किसे मंत्री के तौर पर नई कैबिनेट में शामिल करने के लिए नाम देगी और बीजेपी उस पर सहमत होगी इसे लेकर कशमकश बनी हुई है.  

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