
हरियाणा के पानीपत जैसे छोटे कस्बे के नौल्था गांव में दूध का कारोबार करने वाले के 13 साल के बेटे शुभम जगलान ने गोल्फ में ऐसा कारनामा किया है कि लोगों का मुंह खुला रह जाए.
15 साल की उम्र, लेकिन जीत चुका है 15 अवॉर्ड
शुभम का जज्बा और हौसला ही है कि वह अमेरिका में दो टूर्नामेंट जीत चुका है. वैसे तो शुभम ने गोल्फ में 100 से ज्यादा टूर्नामेंट जीते हैं लेकिन अमेरिका में वर्ल्ड जूनियर मास्टर गोल्फ चैंपियनशिप जीतने के बाद शुभम इंडिया का लिटिल टाइगर बन गया है.
गांव और देश को है नाज
एक छोटे से गांव में जन्मा शुभम एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है. पिता दूध का कारोबार करते हैं और मां घर और खेती के कामों में हाथ बंटाती हैं. हालांकि गोल्फ एक महंगा खेल है. घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह इस खेल काे अफोर्ड कर सकें, लेकिन गोल्फ के प्रति शुभम के जुनून की वजह से आज देश और गांव को उस पर नाज है.
हाथ नहीं, पैरों से पेंटिंग बनाकर बनाई पहचान
7 साल की उम्र में ही गोल्फ खेलना शुरू किया
शुभम ने पहली बार दिल्ली आकर गोल्फ की प्रैक्टिस की थी. महज 7 साल की उम्र में उसने गोल्फ प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. शुभम ने बताया कि उसने अपने कोच नोनिता लाल कुरैशी की मदद से 100 जूनियर प्रतियोगिताएं जीती हैं.
इन्ही प्रतियोगिताओं की मदद से शुभम का लक्ष्मण पब्लिक स्कूल में एडमिशन हुआ. उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मान भी मिल चुका है. लॉस वेगास में आयोजित वर्ल्ड जूनियर मास्टर गोल्फ चैंपियनशिप 2015 में 160 देशों के गोल्फरों ने हिस्सा लिया था.
एक करोड़ पौधे लगाने वाले को लोग कहते थे 'पागल', मिला पद्मश्री
2015 में 23 से 26 जुलाई तक एंजल पार्क गोल्फ कोर्स में हुई प्रतियोगिता में शुभम ने तीन दिन में 27 हाल में पांच अंडर स्कोर हासिल किये थे. उसने जापान के केन सिबता के स्कोर को पीछे कर यह खिताब अपने नाम किया था. यह पहला मौका था जब किसी भारतीय गोल्फर ने किसी भी वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप का टाइटल जीता था. शुभम ने इस खिताब को अपने नाम करने के साथ ही नंबर-वन रैंकिंग हासिल की थी.