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सेना कमान में घुसपैठ करना चाहता था हेडली

आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने विशेष अदालत में गवाही के दौरान बताया कि उसने मुंबई हमले के बाद पुणे के संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण किया था.

आतंकवादी डेविड हेडली वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए गवाही दे रहा है आतंकवादी डेविड हेडली वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए गवाही दे रहा है
IANS
  • मुंबई,
  • 13 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने शनिवार को टाडा की विशेष अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनाप के समक्ष दिए गए बयान में कहा कि उसने मुंबई हमले के बाद पुणे के संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण किया था.

विशेष सरकारी वकील उज्जीवल निकम ने जब हेडली ने पूछा कि वह किन सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर इशारा कर रहा है, तब उसने कहा कि वह भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के मुख्यालय की बात कर रहा है.

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सरकारी गवाह बन चुके डेविड हेडली ने छठे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) की तरह सेना मुख्यालय पर भी हमले की मंशा थी. पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस सेना के अधिकारियों को आईएसआई में नियुक्त कर उनसे गोपनीय सूचनाएं निकलवाना चाहता थी.

हेडली ने कहा कि उसने 16-17 मार्च, 2009 को दक्षिणी कमान के मुख्यालय की इमारत का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की. उससे पहले 15 मार्च को गोवा में चबाड हाउस और 11 से 13 मार्च, 2009 को पुष्कर की रेकी भी की.

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकवादी हमले के लगभघ चार महीने बाद हेडली ने इन स्थानों का सर्वेक्षण किया था. हेडली ने बताया कि पुणे में सेना मुख्यालय की रेकी आईएसआई के मेजर इकबाल के कहने पर की गई थी. बाद में मेजर इकबाल को ही वीडियो सौंपे गए थे.

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आतंकी डेविड हेडली अमेरिका के एक अज्ञात स्थान की जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बीते सोमवार से अपनी गवाही दे रहा है. हालांकि 10 फरवरी को तकनीकी खामियों के कारण वीडियो कान्फ्रेंसिंग नहीं हो सकी थी.

अदालत में हेडली ने किए ये खुलासे
हेडली ने कोर्ट में कहा कि "चाचा" के नाम से हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी को संबोधित किया जाता था. इसका मतलब था कि उनके खिलाफ कुछ नहीं होगा.

लश्कर के साजिद मीर ने 3 सितंबर, 2009 को मुझ से कहा था कि चाचा बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और उनसे क्या अपेक्षा की जाती है.

जब डेविड हेडली से अदालत में पूछा गया कि 'भूमि मामला सुलझ गया है' का क्या मतलब था. तो उसने जवाब देते हुए बताया कि उसने कराची में अपनी जमीन पर निर्माण के बारे में बात की थी.

साजिद मीर ने मुझे आश्वासन दिया था कि हाफिज साहब को कुछ नहीं होगा.

31 अगस्त, 2009 को साजिद मीर ने हेडली से कहा था कि भूमि मामला सुलझ गया है? मेरे चाचा तूफान की तरह आगे बढ़ रहे हैं.

हेडली ने बताया कि ईमेल से संकेत मिला था कि उनके खिलाफ जांच की जा रही थी. और उन्हे गिरफ्तार किया जा सकता था, इसलिए वह हाफिज सईद के लिए चिंतित हो गया था.

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gulati22@hotmail.com से मेल लिखा गया था कि चाचा (हाफिज सईद) के शरीर में एच1 वायरस भी मिला है क्या? अस्पताल में डॉक्टर उनकी जांच करना चाहते हैं.

28 अगस्त 2009 को gulati22@hotmail.com से साजिद मीर को एक मेल लिखा गया था. उसी मेल की सामग्री में पुराने चाचा के शरीर में एच1 वायरस भी मिलने का जिक्र था.

8 जुलाई 2009 को हेडली ने एक मेल में लिखा था कि अब चाचा कैसे हैं? साजिद मीर ने मेल का जवाब देते हुए लिखा था कि चाचा अब ठीक हैं और ऊंची उड़ान भर रहे हैं.

हेडली ने बताया कि उसने यह मेल लश्कर के साजिद मीर को भेजी थी. क्योंकि पाकिस्तान की सरकार लश्कर के विभिन्न लोगों से पूछताछ कर रही थी और वह इस बात को लेकर परेशान था.

हेडली ने बताया कि उसने यह मेल इसलिए भेजी थी कि मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार इस मामले को लेकर जांच कर रही थी.

इस मेल में डेविड हेडली ने हाफिज सईद को चाचा और जकीउर रहमान लखवी को उनके दोस्त के रूप में संदर्भित किया था.

8 जुलाई 2009 को हेडली ने साजिद मीर को एक मेल भेजा था. इस मेल में हेडली ने सवाल करते हुए पूछा था कि चाचा और उनके दोस्त की समस्या हल हुई या नहीं?

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हेडली ने माना कि gulati22@hotmail.com उसी की ईमेल आईडी थी और साजिद मीर rare.lemon@gmail.com ई-मेल आईडी का इस्तेमाल करता था. वे इसी के जरिए एक दूसरे को मेल का आदान-प्रदान करते थे.

हेडली ने बताया कि भारत में गिरफ्तार किए जाने की आशंकाओं के बावजूद भी उसने फिर से भारत की यात्रा करने का फैसला किया था.

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