
बरसात का मौसम जहां आनंद और उल्लास लाता है, वहीं यह कई तरहकी बीमारियां भी लाता है. मॉनसून के दौरान कई तरह की बीमारियों के संक्रमण काअंदेशा रहता है. इनमें से कई बीमारियों के बारे में तब तक पता नहीं चलता जब तकपरेशानी बहुत न बढ़ जाए. इसी वजह से बरसात के मौसम में शुरू में ही बीमारी का पतालगाकर उसका इलाज कर देना महत्वपूर्ण हो जाता है. कुछ एहतियात बरतकर बरसात में होनेवाली बीमारियों और उनसे होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है. कुछ सामान्यबीमारियां और उनसे बचने के उपायः
इनफ्लुएंजा (सर्दी-जुकाम): मॉनसून में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी. कुछ बेहद संक्रामकवायरस श्वास नली के ऊपरी हिस्से को संक्रमित करते हैं और इस तरह नाक और गले कोप्रभावित करते हैं. लक्षणः भरी हुई नाक, बदन दर्द, गले मेंखिसखिसाहट, खांसी और बुखार.इलाजः डॉक्टर से पूछकर ही कोई दवा लें. बचावः अगर जुकाम हो तो सबसे बढिय़ा यह हैकि पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ, पोषक और संतुलित आहार लें. इससे शरीर का इम्यून सिस्टममजबूत होता है और रोग से बचने में मदद मिलती है. इसके लिए विटामिन सी से भरपूर फलऔर हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें. साथ ही संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें.
डेंगुः यह वायरस टाइगर मॉस्किटो (एडीज इजिप्टी) की वजह सेफैलता है, जो बरसात में पैदाहोते हैं. डेंगु को ''हड्डी तोड़ बुखार" भी कहा जाता है. लक्षणःजोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, थकान और शरीर पर लाल निशान शामिल हैं. गंभीर स्थिति में पेटमें दर्द, शरीर के किसी भीहिस्से से रक्तस्राव और ''शॉक'" शामिल हैं. इलाजः इसकेलिए कोई विशेष ऐंटीबायोटिक या ऐंटीवायरल दवा नहीं है. इसके लक्षणों का ही इलाजहोता है. आराम करना और तरल पदार्थ लेना बेहतर रहता है. दर्द और सूजन के लिए किसीभी तरह की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें क्योंकि इनसे रक्तस्राव काअंदेशा रहता है. कभी-कभी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा सकती है. बचावरूमच्छरों को अपने इर्दगिर्द न पनपने दें. अपने घर में और आसपास कहीं पानी न इकट्ठाहोने दें.
मलेरियाः यह बीमारी गंदे पानी में पैदा होने वाले कुछ विशेषप्रकार के मच्छरों के काटने से होती है. बारिश के मौसम में पानी जमा होना चूंकि एकआम बात है इसलिए मच्छरों को पैदा होने के लिए अनुकूल स्थितियां मिल जाती हैं.लक्षणः इस बीमारी में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना, और पसीना होने कीशिकायत होती है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो कई तरह की दूसरी परेशानियांहो सकती हैं जैसे पीलिया, रक्त की गंभीरकमी या लीवर और गुर्दा भी खराब हो सकता है. इलाजः मलेरिया का इलाज मलेरिया-रोधकदवाइयों से सफलतापूर्वक हो जाता है. बचावः मलेरिया से प्रभावित इलाके में सावधानीके तौर पर पहले से ही मलेरिया-रोधक दवा लें. मच्छरों को दूर रखने वाली क्रीमलगाएं.
आंत्र शोथ (गैस्ट्रोएंट्राइटिस): मॉनसून के मौसम में आंत्र शोथ और फूड पॉइजनिंग आम बीमारीहै. लक्षणः आंत्र शोथ में आम तौर पर पेट में ऐंठन, मिचली, उल्टी और दस्त कीशिकायत होती है. इसमें बुखार भी हो सकता है और रोगी को उलझन तथा कमजोरी का भीअनुभव हो सकता है. इलाजः इस बीमारी में शरीर को पानी की कमी से बचाना और बुखार कोनियंत्रित करना ही मुख्य इलाज होता है. बचावः कच्चा आहार जैसे सलाद वगैरह न खाएंक्योंकि कई बार वे ठीक से साफ नहीं किए गए होते हैं और सही तापमान पर नहीं रखेहोते हैं. सड़क के किनारे के खान-पान से बचें. वे दूषित पानी से बने हो सकते हैं.
वायरल हेपेटाइटिसः लीवर की यह बीमारी दूषित आहार और पानी केकारण फैलती है. लक्षणः बुखार, शरीर में दर्द, भूख न लगना, मिचली और उल्टीशामिल हैं. पीलिया में आंखों, त्वचा और मूत्र में पीलापन आ जाता है. बचावः हेपेटाइटिस एसे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि घर में बने भोजन और पीने के लिए साफ पानी कासेवन किया जाए.
टाइफायडः टाइफायड पानी में पनपने वाले बैक्टीरिया केसंक्रमण से होने वाली एक अन्य बीमारी है जो सैलमोनेला नामक बैक्टीरिया के कारणहोती है. यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के कारण दूषित भोजन या दूषित पानीके सेवन से होती है. लक्षणः इस बीमारी में लंबे समय तक तेज बुखार, पेट में दर्द, सिर दर्द औरउल्टी की आम शिकायत होती है. बचावः पीने के लिए साफ पानी, स्वच्छता औरहाथों को अच्छी तरह साफ करना शामिल है.
मॉनसून में बीमारियों से बचने के कुछ सामान्य उपाय
टाइफायड, जॉन्डिस, गैस्ट्रोएंट्राइटिसऔर डायरिया जैसे जलजनित बीमारियों से बचने के लिए साफ पानी ही पिएं. बेहतर होगा किउबले हुए पानी या फिर किसी भरोसेमंद प्यूरिफायर से निकले पानी का ही सेवन करें.
घर में हर व्यक्तिअलग-अलग हैंड टॉवेल का इस्तेमाल करें ताकि बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया सबको नसंक्रमित करे.
खांसते या छींकतेवक्त अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढक लें. इससे दूसरे लोग संक्रमित होने से बचसकते हैं.
मॉस्किटो रेपलेंटऔर मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. डेंगु फैलाने वाले मच्छर सुबह में या दिन मेंकाटते हैं जबकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर रात में काटते हैं.
किसी तरह के फंगलइनफेक्शन से बचने के लिए अपने कपड़ों को सुखाकर रखें. इनसे उन्हें पनपने का मौकानहीं मिलता.
बरसात, खासकर उमस भरेदिनों में भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. सेहत ठीक रहने पर आप कभी भी फिल्मया कोई प्रदर्शनी देख सकते हैं.
हैंड सैनिटाइजरका नियमित रूप से इस्तेमाल करें.
(लेखक होली फैमिली हॉस्पिटल, नई दिल्ली मेंसीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन और क्रिटिकल केयर के प्रमुख हैं)