
नरेंद्र मोदी सरकार ने किराए की कोख के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2019 पास कराने की तैयारी की है. लोकसभा में सोमवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस बिल को पेश किया. इस बिल के जरिए नेशनल सरोगेसी बोर्ड, स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात है. वहीं सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है.
मोदी सरकार ने 2016 में ही सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस बिल को लाया था. मगर अब इसके नए प्रारूप को सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 नाम से पेश किया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल के प्रारूप को मंजूरी मिली थी. मकसद है कि किराए के कोख का व्यावसायिक इस्तेमाल न हो.
दरअसल, हालिया वर्षों में दुनिया के कई देशों के दंपतियों के लिए भारत सरोगेसी का हब बनता जा रहा है. सरोगेट मांओं के शोषण, सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे को छोड़ देने और मानव भ्रूणों के इम्पोर्ट के मामले सामने आए हैं. भारत के विधि आयोग ने अपनी 228वीं रिपोर्ट में कॉमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने की सिफारिश की थी.जिसके बाद सरकार ने यह पहल की है.
क्या होगा बदलाव
नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से प्रस्तावित सरोगेसी रेगुलेशन 2019 में कई नए प्रावधान किए गए हैं. सरोगेसी की अनुमति सिर्फ संतानहीन विवादित दंपतियों को ही मिलेगी. सरोगेसी सुविधा का इस्तेमाल लेने के लिए भी कई शर्तें पूरी करनी होंगी. जो महिला अपनी कोख सरोगेसी के लिए देगी, उसकी सेहत सुरक्षा का ध्यान सुविधा लेने वाले को रखना होगा. इस विधेयक में सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चे के अधिकारों को लेकर भी प्रावधान हैं. बता दें कि सरोगेसी की सुविधा वे महिलाएं लेती हैं, जो शारीरिक समस्या के कारण मां नहीं बन सकतीं.
ऐसे में दूसरी महिला के कोख को किराए पर लेने को सरोगेसी कहा जाता है. जो मां अपनी कोख को किराए पर देकर बच्चे पैदा करती है तो उसे सरोगेट मदर कहते हैं. ऐसे आरोप सामने आए कि लोग पैसे के दम पर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की कोख का दुरुपयोग कर रहे हैं. कोख के दुरुपयोग से महिलाओं की सेहत से जुड़ी समस्या पैदा हो रही थी. इसे लेकर सरकार ने सरोगेसी सिस्टम को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए यह बिल पास कराने की तैयारी की है. बिल में राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर पर सरोगेसी बोर्ड बनाने की बात कही गई है. ताकि सरकार नजर रखे कि कहीं किराए की कोख का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है.