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चारा घोटाले में फंसे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लगे आरोप हटाने के झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई 18 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है. लालू के खिलाफ सीबीआई ने साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
सीबीआई ने लालू के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जांच एजेंसी ने लालू पर घोटाले की साजिश रचने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया था. सीबीआई कोर्ट ने 30 सितंबर 2014 को लालू प्रसाद को चारा घोटाले में दोषी ठहराया था. जिसके खिलाफ आरजेडी प्रमुख ने हाईकोर्ट में अपील की थी और उन्हें वहां से थोड़ी राहत मिली. कोर्ट ने उन पर लगे कुछ आरोप हटा दिए थे. हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिसके बाद कोर्ट ने लालू को नोटिस जारी किया था.
क्या है मामला:
चारा घोटाला आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला था. इसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाडा करके निकाल लिए गए थे. सरकारी खजाने की इस चोरी में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अलावा भी कई लोगों पर आरोप लगा. घोटाले की वजह से न सिर्फ लालू को सीएम पद छोड़ना पड़ा बल्कि वह जेल भी गए. यह घोटाला 1996 में हुआ था.
लालू के राजनीतिक करियर पर लगा ब्रेक
लालू प्रसाद यादव और जेडीयू नेता जगदीश शर्मा को चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया. चुनाव आयोग के नए नियमों के मुताबिक, लालू प्रसाद अब 11 साल तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला में दोषी सांसदों को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से बचाने वाले प्रावधान को भी निरस्त कर दिया है.