
यूपी में बाढ़ का कहर लगतार जारी है. नदियां उफान पर रही हैं. नदियों के कहर से प्रदेश में सैकड़ों गावं पानी में डूब गए हैं और कई जिलों में हजारो की तादाद में लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ के जवान लोगों को बचाने में लगे हुए हैं. लगातार नदियों में जलस्तर बढ़ने से जनता और प्रशासन के लिए मुसीबत का सबक बनी हुई है. बाढ़ के कहर से हजारों लोग घर छोड़कर एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए मजबूर हैं. कई जिलों में प्रशासन द्वारा सैकड़ों गावों को हाई अलर्ट कर दिया गया है.
यूपी में बांदा. बलिया, वाराणसी, सोनभद्र, इलाहाबाद, गाजीपुर और महोबा जैसे जिलों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. महोबा का बुरा हाल है. यहां 35 साल बाद बाढ़ ऐसी आई है, यहां पर लगभग आधा दर्जन तालाब लबालब हो गए हैं, वहीं वाराणसी में गंगा का कहर लगातार जारी है, यहां पर सैकड़ों लोग पानी में फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ की टीम रेस्कयू ऑपरेशन चलाकर बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं. जबकि बलिया इलाहाबाद और गाजीपुर में गंगा नदी का कहर लगातार जारी है।
बांदा में केन नदी का कहर जारी
बांदा में केन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. शनिवार सुबह 8 बजे तक केन का जलस्तर खतरे के निशान 104 मीटर से 5.32 मीटर बढ़कर 109.32 मीटर पर पहुंच गयाॉ. प्रशासन ने जिले के करीब 75 गांवों को बाढ़ पीड़ित घोषित किया है. कई गांवों में पानी घुस जाने से लोग घर बार छोड़ चुके हैं. प्रशासन स्थिति पर नजर के दावे तो कर रहा है लेकिन लोगों ने मदद को नाकाफी बताया है. शहर के निचले इलाकों में भी नदी का पानी नालों के रास्ते घुस चुका है. बाढ़ से सड़कों के जगह जगह किनारे कट गए हैं. सभी हाइवे को जोड़ने वाली रिंग रोड में केन की बाढ़ की वजह से कई स्थानों पर मिटटी कटान हो गया है. प्रशासन ने सड़क किनारे जगह-जगह बोर्ड लगा 'ट्रैफिक एडवाइजरी' जारी की है.
देर रात बांदा से सटी केन नदी का पानी नालों के रास्ते शहर में घुस गया. शहर के छाबी तालाब, खुटला, निमनी पार, क्योटरा और राजघाट इलाकों में केन नदी का पानी घुस गया है. हालांकि बांदा में बारिश अभी बंद है लेकिन केन नदी का जलस्तर एमपी में बारिश बंद न होने की वजह से लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग ने पानी के आगे भी बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. जिला प्रशासन का दावा है कि उसने बाढ़ से निपटने के लिए कई राहत टीमें बनाई हैं, सभी तहसील कर्मियों को बाढ़ राहत कर्मचारियों में बदला गया है. लेखपाल निचले इलाकों के गांवों में पहुंच ग्रामीणों को सुरक्षित जगह पर जाने को कह रहे हैं. कुछ जगहों पर लंच पैकेट भी बंटवाए जाने की सूचना है. बाढ़ में फंसे लोगों के लिए नावें भी चलाई गई हैं. लेकिन ग्रामीणों के अनुसार इंतजामात नाकाफी हैं, प्रशासन की गाड़ियां सिर्फ शहर की सड़कों के चक्कर लगा रही हैं.
वाराणसी में बाढ़ का पानी कॉलोनियों में घुसा
मोक्षदायिनी मां गंगा इन दिनों अपने रौद्र रूप में है. गंगा का बढ़ता जल अब किनारे को छोड़कर वाराणसी की कॉलोनियों में प्रवेश कर चुका है. सामने घाट स्थित मारुति नगर कॉलोनी तो गंगा के जल में समा गई है. एनडीआरएफ की टीम ने इस पूरे इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को बाहर निकाला. कॉलोनियों में जलप्रलय सा नजारा है. गंगा के किनारे बसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी पर इन दिनों गंगा का प्रकोप जारी है. गंगा खतरे का निशान पार कर चुकी हैं और अभी भी 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. गंगा का जलस्तर 71.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान 71.26 मीटर से लगभग 82 सेमी ऊपर बह रही हैं. शवदाह घाट हरिश्चन्द्र घाट पर तो पानी इतना ऊपर तक चढ़ आया है कि अब गलियों में शवदाह होने लगा है नतीजा पानी बढ़ने से जिन लोगों ने छतों पर शरण ले रखी है अब उन्हें धुएं और दुर्गन्ध की समस्या झेलनी पड़ रही है.
इलाहाबाद में गंगा यमुना खतरे के निशान के ऊपर
इलाहबाद में गंगा यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है गंगा का पानी तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि यमुना का जल स्तर प्रति घंटे 5 मिली मीटर के हिसाब से बढ़ रहा है इलाहबाद शहर के निचले इलाकों के आलावा अब बाढ़ का कहर रिहाइशी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. इलाहबाद शहर के गॉस नगर, जे. के. नगर, अशोक नगर, गोविन्द पुर, राजा पुर और शिव कुटी इलाकों में भी बाढ़ का कहर है. प्रशासन ने निचले इलाको में रहने वालों के लिए अलर्ट भी जारी किया है.
बलिया के दर्जनों गावं को किया गया अलर्ट
यूपी के बलिया में गंगा और घाघरा डेंजर लाइन से कई मीटर ऊपर से बह रही है. बाढ़ के इस तबाही से 58 गांवों के 68000 लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. हाजीपुर से गाजीपुर NH31 पर बाढ़ का पानी आने से हाइवे के टूटने के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भारी वाहनों का चलना रोक दिया है. वही गांवों में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए NDRF के टीम के साथ-साथ PAC की फ्लड यूनिट को भी बुलाया गया है.
सोनभद्र में रिहंद बांध खोलने से कई गांव पानी में घिरे
सोनभद्र में रिहंद और बाणसागर का बांध खुलने के बाद सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से कई गांव पानी से घिर गए हैं. वहीं सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी हैं. जिन सड़कों पर कल तक ग्रामीण अपने वाहनों से चलते थे, उन्हीं सड़कों पर अब नावें चल रही हैं. हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग बाढ़ के पानी में से होकर जाने को मजबूर हैं. लगातार बारिश की वजह से म्योरपुर थाना क्षेत्र के परनी गांव के पास एक पहाड़ी बरसाती नाले में दो युवतियों की लाश मिलने से सनसनी फैल गई. लोगों के मुताबिक पहाड़ी नाले को पार करते समय दोनों की डूबने से मौत हुई होगी.
यूपी के महोबा जिले के मुख्यालय में बाढ़ आ गई है बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट जारी किया कर दिया गया है. महोबा जिला मुख्यालय पहाड़ों के बीच बसा हुआ है जहां एक भी नदी या नाला नहीं है. इसके बावजूद भी इस साल वहां बाढ़ के पानी ने कोहराम मचा दिया है. कई मुहल्लों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. महोबा में पिछले कई वर्षों से पड़ रहे सूखे से यहां के लोगों को निजात तो मिली. लेकिन हो रही मूसलाधार बारिश ने अब यहां के लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. तकरीबन 20 सालों बाद हुई इस बेहिसाब बारिस से महोबा के सारे तालाब पूरी तरह भर चुके हैं. नतीजन कई गांव और मुहल्लों में पानी अब संकट पैदा कर रहा है. खतरे की दहलीज पर खड़े महोबा को लेकर प्रशासन भी खासा चिंतित है. मदन सागर तालाब पानी से लबालब है और इससे लगे मोहल्लों के घरों में पानी घुस रहा है.
बाढ़ से सभी परेशान
बुंदेलखंड का जनपद महोबा, ये वहीं जनपद है जहां पिछले कई सालों से सूखा हावी है. पानी की समस्या का महोबा से चोली दामन का साथ रहा है. कई सालों से सूखे से जूझ रहे महोबा को अबकी सावन में अच्छी बारिस मिली है. लेकिन ये बारिश और तालाबों का बढ़ता जल स्तर ही इनके लिए नासूर बनता जा रहा है. जिस पानी के लिए जनपदवासी परेशान थे वो अब चिंता का विषय बन गया है और इनकी चिंता से जिला प्रशासन के माथे पर भी बल पड़ने लगा है.
डीएम ने बाढ़ का लिया जायजा
यहीं नहीं गंभीरता हो समझते हुए जिला अधिकारी वीरेश्वर सिंह और पुलिस कप्तान गौरव सिंह सहित प्रसानिक अमला देर रात मौके पर पहुंच गया. पानी से उफना रहे तालाब को देखकर नागरिक भी घरों से बाहर निकल आए. डीएम ने हालातों का जायजा लिया और तालाब का फाटक खोल कर पानी निकासी के तुरंत आदेश दिए. लेकिन बड़ी मशक्कत के बाद भी पूरी तरह जाम हो चुके फाटक नहीं खोले जा सके, जिस कारण डीएम ने तालाब की पट्टी तोड़कर पानी की निकासी कराई, जेसीबी मशीन से तालाब की पट्टी तोड़ी गई और अवरुद्ध मार्ग की सफाई भी की गई. बहरहाल पानी की निकासी शुरू हो गई है लेकिन जिस रफ्तार से बारिश हो रही है उससे दिन व दिन महोबा खतरे में आता जा रहा है.
गाजीपुर में गंगा में आई बाढ़ से NH24 पर मंडराया खतरा
गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर से ज्यादा ऊपर से बह रही है, ऐसे में गाजीपुर का जमांनियां क्षेत्र, सदर का करन्डा क्षेत्र और मोहम्दाबाद क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित इलाका है. जमांनियां में तो गंगा की बाढ़ से नेशनल हाइवे 24 जो गाजीपुर से जमांनियां होकर सैयदराजा को जोड़ने का मुख्य मार्ग है उसके आस्तित्व को ही खतरा पैदा हो गया है, जिसकी रोकथाम विभागीय लोग जुगाड़ से कर रहे हैं वो भी लकड़ी, झाड़ और ईट की बोरियां लगाकर.