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बिन मौसम बरसात से यूपी-राजस्थान में फसलें हुईं बर्बाद, किसान परेशान

बिन मौसम हुई बारिश और ओलवृष्टि से एक बार फिर किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद होने के कारण यूपी और राजस्थान के किसान बेहाल हैं. इसके मद्देनजर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जहां तक हो सके सहायता प्रदान करने का फैसला किया है. वहीं, सीएम योगी ने किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.

बारिश और ओलवृष्टि से फसद बर्बाद (Photo- IANS) बारिश और ओलवृष्टि से फसद बर्बाद (Photo- IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

  • बारिश से यूपी और राजस्थान के किसान परेशान
  • सीएम गहलोत ने जताई चिंता, कहा- आपके साथ हैं

मौसम की मार से परेशान रहने वाले किसान की मुश्किलें अब बिन मौसम बारिश ने खड़ी कर दी है. बेमौसम बारिश और ओलवृष्टि से राजस्थान और उत्तर प्रदेश में किसानों की हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं. बारिश और ओलवृष्टि से खेतों में गिरी पड़ी फसलों को देखकर किसान बेहाल हैं.

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह बहुत चिंताजनक है कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण कई जिलों में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है. हम अपने किसानों के दर्द को समझते हैं और मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है. हम उनके दुख को कम करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे.

सीएम गहलोत ने कहा, प्रभावित जिलों के प्रभारी मंत्री ओलावृष्टि के कारण नुकसान से जूझ रहे किसानों से मिलेंगे. वे फसल क्षति की स्थिति का आंकलन करने के लिए जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओलावृष्टि और बिन मौसम बारिश के कारण फसलों को नुकसान से बहुत चिंतित है. हमने किसानों को हुए नुकसान का तुरंत आंकलन करने और जहां तक हो सके सहायता प्रदान करने का फैसला किया है.

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यूपी के किसानों को राहत पहुंचाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति से प्रभावित लोगों को तत्काल सहयता दें.

वहीं, प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि सभी बीमित किसान, जिनकी फसलों को ओला, वर्षा व जलभराव से नुकसान हुआ है, वे उसकी सूचना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय 72 घंटे में उपलब्ध करा दें. आकाशीय बिजली से फसल की क्षति की सूचना भी 72 घंटे के अंदर देनी होगी.

बता दें कि यूपी में एक से छह मार्च तक विभिन्न क्षेत्रों में हुई बारिश और ओले गिरने से सात जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. सात जिलों में कुल 2,37,374 किसानों की कुल 1,72,0018 हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुई हैं.

5853 किसानों को 17.9 करोड़ मुआवजा

राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सिर्फ तीन जिलों-सोनभद्र, जालौन और सीतापुर में 1819.32 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसलों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है. फसल क्षति के सापेक्ष 5853 किसानों को 17.9 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है.

प्रतापगढ़ सहित पूर्वाचल के कई जिलों में गुरुवार रात के बाद शुक्रवार सुबह भी बादलों ने डेरा बनाए रखा. कई क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई. प्रतापगढ़ में शुक्रवार को तेज हवा चलने से गेहूं और सरसों की भीगी फसल खेत में गिर गई. पकी फसल गिरने से किसानों को खासा नुकसान हुआ है.

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वहीं, अलीगढ़ में भी बारिश और ओलावृष्टि से आलू की 25 फीसद यानी एक चौथाई फसल बर्बाद होने की आशंका है. इसके अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर, बुंदेलखंड, मध्य यूपी, आगरा, मथुरा, मैनपुरी में रुक-रुककर हुई बारिश से कटने के लिए खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं.

लखनऊ के जिला अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया, सरसों और तोरिया की फसल को ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. आलू और गेहूं की फसलें भी सलामत नहीं रह पाई हैं.

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