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मौसम विभाग के मुताबिक मेघालय में कई जगहों पर 20 से लेकर 31 सेमी तक की भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है. पश्चिमी बंगाल में हिमालय की तलहटी में बसे इलाकों और सिक्किम में कई जगहों पर 10 से लेकर 11 सेमी तक की भारी बारिश पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड की गई है.
असम और उत्तरी बिहार के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में तमाम जगहों पर घने बादलों की आवाजाही के बीच मानसून की घटाएं झूम कर बरसती रहीं. मौसम विभाग का कहना है कि हवाओं की दशा-दिशा में बदलाव देखा जा रहा है. लेकिन इन सबके बावजूद उत्तरी बिहार के तमाम इलाकों में भारी बारिश की आशंका बरकरार है. साथ ही असम और पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्रों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है.
पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों में बंगाल की खाड़ी से आ रही सीधी हवाओं ने बादलों की कतार लगा रखी है. इन जगहों पर अगले दो-तीन दिनों तक लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. दरअसल इस समय मानसून का अक्ष अमृतसर, करनाल, सुल्तानपुर, भागलपुर, धुबरी होता हुआ मेघालय से गुजर रहा है. इस वजह से हिमालय की तलहटी के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के तमाम इलाकों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला बना हुआ है.
19 अगस्त को पश्चिमी बंगाल के हिमालयी क्षेत्रों , सिक्किम, असम, मेघालय में ज्यादातर जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है. 20 अगस्त की बात करें तो पश्चिमी बंगाल के हिमालय की तलहटी वाले इलाकों, सिक्किम, असम, मेघालय और बिहार में कई जगहों पर अतिवृष्टि की संभावना है.
मानसून का अक्ष जब दक्षिण से उत्तर दिशा की तरफ बढ़ता है तो हिमालय के तमाम इलाकों में मानसून की झमाझम बारिश शुरू होने की संभावना बढ़ जाती है. लिहाजा हिमालय में रहने वाले लोगों को भी भारी बारिश से सतर्क रहने की जरूरत है.