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हेलीकॉप्टर घोटालाः कैसे हुआ दलाली का खेल?

2003 में रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री जैसे बड़े नेताओं की यात्रा जरूरतों से आगे बढ़ा एक दस्तावेज दलाली की दर्दनाक कथा बन जाएगा ये तब किसको पता था. पता तो अब भी नहीं चलता अगर इटली ने घूस देने वालों का इंतजाम न कर दिया होता.

हैलीकॉप्टर घोटाला हैलीकॉप्टर घोटाला
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2013,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

2003 में रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री जैसे बड़े नेताओं की यात्रा जरूरतों से आगे बढ़ा एक दस्तावेज दलाली की दर्दनाक कथा बन जाएगा ये तब किसको पता था. पता तो अब भी नहीं चलता अगर इटली ने घूस देने वालों का इंतजाम न कर दिया होता.

रक्षा मंत्रालय की तरफ से 12 हेलिकॉप्टरों की जरूरत बताई गई थी. तब जॉर्ज फर्नांडिज देश के रक्षा मंत्री हुआ करते थे. उनके सियाचिन दौरों की तब बड़ी चर्चा हुआ करती थी. इसलिए तय पाया गया कि वो 18 हजार मीटर पर उड़ान भर सकता हो.

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टेंडर निकला तो इटली की सरकारी कंपनी फिनमेक्कनिका की सहायक अगस्टा वेस्टलैंड में मातम छा गया. उसका हेलिकॉप्टर 15 हजार मीटर तक ही उड़ सकता था. लेकिन कंपनी ने हिम्मत नहीं हारी.

इटली की एक जांच रिपोर्ट के मुताबिक इसी के बाद टेंडर की शर्तें बदलवाने का शातिराना खेल शुरू हुआ. इस रिपोर्ट के मुताबिक दलाली का रूट मैप कुछ यूं बना.

यह है दलाली का रूट मैप

फिनमेक्कनिका के जिस सीईओ गिसेप ओरसी को गिरफ्तार किया गया है वो उन दिनों अगस्टा वेस्टलैंड का नुमाइंदा हुआ करता था. ओरसी किसी भी कीमत पर हिंदुस्तान में हेलिकॉप्टर की डील हथियाना चाहता था और इसके लिए उसने फिनमेक्कनिका के सलाहकार हैश्के गाइडो राल्फ को काम पर लगाया. हैश्के ने ये ठेका लंदन की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज ट्रेड के मालिक माइकल क्रिश्चियन को सौंप दिया. जीएसटी तब वेस्टलैंड की सलाहकार हुआ करती थी.

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इसी के बाद माइकल ने त्यागी भाइयों को पकड़ा. संजीव जूली त्यागी, संदीप त्यागी और डॉक्सा त्यागी. ये सारे त्यागी तत्कालीन वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के रिश्तेदार थे और एसपी त्यागी ने इसे कबूल भी किया है.

इटली की जांच रिपोर्ट के मुताबिक ओरसी, हैश्के और माइकल से मंजूरी के बाद इन तीन त्यागियों ने चौथे त्यागी को पकड़ा.

मार्शल शशि त्यागी, इतालवी रिपोर्ट के मुताबिक शशि त्यागी उन दिनों वायु सेना के चीफ ऑफ स्टाफ थे और जूली त्यागी, संदीप त्यागी और डॉक्सा त्यागी के चचेरे भाई. फिर पता नहीं कौन किससे मिला, किसको कितनी रकम मिली और कहां तक पहुंची लेकिन इतना पता है कि डील की शर्त बदल गई थी. नया टेंडर निकला तो 18 हजार मीटर पर उड़ान की शर्त नीचे गिरकर 15 हजार मीटर हो गई थी.

8 फरवरी 2010 को अगस्टा वेस्टलैंड के साथ भारत सरकार का करार तय हो गया. लगभग 3600 करोड़ रुपए में 12 AW101 हेलीकॉप्टरों का सौदा हुआ था. अगस्टा वेस्टलैंड में खुशी की लहर थी.

इटली की जांच रिपोर्ट कहती है कि इसके बाद गिसेप ओरसी ने माइकल क्रिश्चियन को 3 करोड़ यूरो दिया. आरोप है कि कि यही रकम दलाली में दी गई थी और इसी दलाली के धक्के से अगस्टा वेस्टलैंड की फाइल आगे बढ़ गई थी.

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सालभर से सेवा का ये मेवा इटली की मीडिया में छाया हुआ था लेकिन मनमोहन सरकार का मौन तब टूटा जब उड़नखटोले के दलाल बैताल बन चुके थे.

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