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हाईकोर्ट ने BSF से कहा-जवानों पर कुछ तो दया दिखाएं, नाखुश रहे जवान तो कैसे होगा काम

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएएसफ से कहा कि वह उस जवान के प्रति थोड़ी दया दिखाए जो अपने वाइफ के प्रेगनेंट होने की वजह से ट्रांसफर रोकने का अनुरोध कर रहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि 'नाखुश सुरक्षा बलों से खुशहाल काम की उम्मीद नहीं की जा सकती.'

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दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने बीएएसफ से कहा कि वह उस जवान के प्रति थोड़ी दया दिखाए जो अपनी वाइफ के प्रेगनेंट होने की वजह से ट्रांसफर रोकने का अनुरोध कर रहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि नाखुश सुरक्षा बलों से खुशहाल काम की उम्मीद नहीं की जा सकती.

गौरतलब है कि बीएसएफ के कांस्टेबल भूदेव सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसे नवंबर तक दिल्ली से श‍िलांग ट्रांसफर न किया जाए, क्योंकि उनकी पत्नी प्रेगनेंट है और उन्हें नवंबर तक बच्चा होने की उम्मीद है.

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जस्ट‍िस संजीव सचदेवा और एके चावला की पीठ ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) से कहा कि उनकी नियुक्ति कहीं और करके उनकी मदद करें. हाई कोर्ट ने कहा- 'कुछ दया दिखाइए, आपके पास यदि नाखुश जवान रहेंगे तो आप खुशहाली के साथ काम नहीं कर सकते.' बीएसएफ की तरफ से केंद्र सरकार के वकील संजीव नरूला पैरवी कर रहे थे.

नरूला ने कहा कि इस बारे में श‍िकायतकार्त का आवेदन अभी विचाराधीन है, इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मसले को दो हफ्ते के भीतर निपटाएं और आगे 12 जुलाई को इस पर फिर कार्रवाई की जाएगी.

भूदेव सिंह ने इस साल फरवरी में ही संबंधित विभाग में यह आवेदन किया था कि उसका अभी ट्रांसफर न किया जाए. याचिका में कहा गया है कि उसके निवेदन के बावजूद बीएसएफ ने 10 जून को आदेश दिया कि 25 जून तक उसका मेघायल ट्रांसफर किया जाए.

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भूदेव सिंह की पत्नी श‍िक्षक हैं और काफी समय तक दिल्ली में उनका आईवीएफ उपचार हुआ. इस दौरान भूदेव दिल्ली में ही पोस्टेड रहे. अब जब उनकी पत्नी गर्भवती हैं, तो उनका ट्रांसफर कर दिया गया.

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