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EWS कैटेगरी के बच्चों को प्राइवेट स्कूलोँ में दाखिले पर दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में कक्षा 2 से 12वीं तक मे EWS कैटेगरी के लोगों के बच्चों को एडमिशन कैसे मिले, इसके लिए कोई नियम नहीं बनाने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया है.

प्रतीकात्मक प्रतीकात्मक
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2017,
  • अपडेटेड 3:46 AM IST

सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में कक्षा 2 से 12वीं तक मे EWS कैटेगरी के लोगों के बच्चों को एडमिशन कैसे मिले, इसके लिए कोई नियम नहीं बनाने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कक्षा 2 से 12वीं तक की कक्षाओं में कम आय वर्ग (EWS) और वंचित समूह के बच्चों का भी दाखिला हो.

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हाइकोर्ट ने इसके साथ ही अपने अंतरिम आदेश में सरकारी जमीन पर बने सभी स्कूलों को भी आदेश दिया है कि वह अपने स्कूल के बाहर बोर्ड लगाएं और बोर्ड पर हर हफ्ते खाली सीटों का ब्यौरा दें. साथ ही ये ब्यौरा हर सप्ताह दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर भी अपडेट किया जाए. हाईकोर्ट ने सभी स्कूलों को अपने वार्षिक लेखा-जोखा भी सरकार की वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और शिक्षा निदेशालय को भी निर्देश दिया है कि इस आदेश पर तुरंत अमल किया जाए.

हाईकोर्ट ने यह आदेश गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की याचिका पर दिया है. याचिका में आरोप है कि राजधानी के निजी स्कूलों में EWS के लिए कक्षा 1 तक तक एडमिशन को लेकर नियमों का पालन होता है, लेकिन दूसरी के बाद कक्षाओं में दाखिला कैसे हो, इस बारे में हाईकोर्ट के कई आदेशों के बावजूद सरकार ने अभी तक नियम नहीं बनाए है और डीडीए की जमीन पर बने करीब 400 प्राइवेट स्कूल इसका खुला फायदा उठा रहे हैं. नतीजतन हर साल निजी स्कूलों में कम आय वर्ग (EWS) और वंचित समूह के लगभग 20 हजार बच्चों का दिल्ली में हक मारा जा रहा है. हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में दिल्ली सरकार पर सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में EWS श्रेणी की कक्षाओं में होने वाले दाखिला पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया गया है.

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संगठन की तरफ़ से याचिकाकर्ता खगेश झा ने याचिका में हाईकोर्ट से EWS श्रेणी में होने वाले दाखिले की खुद निगरानी करने की मांग की है. उन्होंने इसके साथ ही दूसरी व ऊपर की कक्षाओं में दाखिला कैसे हो, इसके लिए सरकार को नियम व कायदे बनाने का आदेश देने की भी मांग की है. खगेश झा ने कहा कि हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2012 में दिल्ली सरकार को सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में दूसरी कक्षा से 12वीं तक की कक्षाओं में भी EWS श्रेणी में दाखिला सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है.

याचिका में कहा गया है कि सरकार ने दिसंबर, 2012 में अधिसूचना जारी कर सभी स्कूलों को निर्देश दिया था कि दूसरी कक्षा से 12वीं तक की सभी कक्षाओं में होने वाले दाखिला में EWS श्रेणी के भी बच्चों को दाखिला दिया जाए. लेकिन सरकार ने अभी तक दाखिला कैसे होगा, इसके बारे में कोई नियम-कायदे नहीं बनाया.

नियम कायदे न होने से निजी स्कूलों में हर साल दूसरी कक्षा से 12वीं तक की कक्षाओं में EWS श्रेणी की लगभग 20 हजार सीटें खाली रह जाती हैं. याचिका में कहा गया है कि एक साल सीटें खाली रहने के बाद स्कूल प्रबंधन अगले साल इन सीटों को जनरल केटेगरी के बच्चों को दाखिला दे देता है. हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी बताने का आदेश दिया है, दूसरी कक्षा से 12वीं तक की कक्षाओं में दाखिला कैसे हो, इस बारे में अबतक नियम कायदे क्यों नही बनाए.

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याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग और हाईकोर्ट ने सभी डीडीए की जमीन पर बने निजी स्कूलों को खाली सीटों की जानकारी हर सप्ताह दिल्ली सरकार के वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया था. लेकिन कोई भी स्कूल सही से पालन नहीं कर रहा है. इसलिए EWS श्रेणी के लोगों को पता नहीं चल पाता कि किन स्कूलों में कितनी सीटें खाली है. याचिका में दावा किया गया है कि पिछले एक साल से सरकार के वेबसाइट पर सीटों के बारे में कोई अपडेट नहीं हुआ है.

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