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छत्तीसगढ़: 11 संसदीय सचिवों पर गिरी गाज, हाई कोर्ट ने छीनी पावर

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के सभी 11 संसदीय सचिवों को मंत्री की तर्ज पर कार्य करने में रोक लगा दी है. इन्हे मंत्रियों की तरह वेतन भत्ते और गाडी और सुविधाएं नहीं मिलेंगी.

हाई कोर्ट ने 11 संसदीय सचिवों से छीनी पावर हाई कोर्ट ने 11 संसदीय सचिवों से छीनी पावर
केशवानंद धर दुबे/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 02 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:07 AM IST

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के सभी 11 संसदीय सचिवों को मंत्री की तर्ज पर कार्य करने में रोक लगा दी है. इन्हें मंत्रियों की तरह वेतन भत्ते और गाडी और सुविधाएं नहीं मिलेंगी.

इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि वे न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की हाई कोर्ट ने विधान सभा में संसदीय सचिवों के दायित्वो पर कोई रोक नहीं लगाईं है. उनके मुताबिक संसदीय सचिव हॉउस के अंदर जो उनका दायित्व है उसका निर्वाहन करेंगे. हालांकि ये आखिरी फैसला नहीं है. इस मामले में पूरा फैसला सुनाने के लिए हाईकोर्ट ने 23 अगस्त की तारीख तय की है.

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिव लगभग 2 साल से काम कर रहे है. जबकि राज्य की विधान सभा की सदस्यों में से 15 फीसदी सदस्य ही मंत्री मंडल में शामिल हो सकते है. इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल है. राज्य में विधान सभा की कुल 90 सीट है. इस तरह से मंत्री मंडल में 13 सदस्यों से ज्यादा नहीं होने चाहिए. राज्य में विधान सभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. हाई कोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि मिलने के बाद मामले के गरमाने के आसार है.

 

 

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