
डेंगू, चिकनगुनिया को लेकर हाई कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है. दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसीज (एमसीडी) को लताड़ लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या 21वीं सदी में वे देश की राजधानी को डेंगू, चिकनगुनिया देना चाहते है?
दरअसल कोर्ट को सोमवार को भी कोई संतोषजनक जबाब सरकार और सभी एमसीडी से नही मिल पाया कि आखिर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया को रोकने की क्या पुख्ता तैयारी है. कोर्ट ने कहा कि हमें आप सबसे खानापूर्ति के लिए स्टेटस रिपोर्ट नही चाहिए, बल्कि हर विभाग से जुड़े बड़े अधिकारी सड़क पर निकलें और यह सुनिशिचित करके हमें हलफनामा दें कि उनके इलाके में कहीं कोई गंदगी नही है.
कोर्ट ने कहा कि अगर बड़े अधिकारी सिर्फ एयर कंडीशंड कमरों में बैठकर सिर्फ मीटिंग करते रहेंगे तो इलाके में सफाई नही हो सकती. ये तभी होगा जब खुद सभी बड़े अधिकारी सफाई कर्मचारियों से काम कराएंगे. कोर्ट ने कहा कि इस वक्त डेंगू के बाद इलाज पर नही, बल्कि उसके बचाव पर फोकस होना चाहिए. अगर सफाई समय पर हो जाएगी तो बीमारी का खतरा अपने आप कम हो जाएगा.
हलफनामे से कोर्ट संतुष्ट नहीं
कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि किसी भी हाल में दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया को लेकर वो हालात नही होने चाहिए, जो पिछले 2-3 साल के दौरान देखे गए हैं. कोर्ट में आज साउथ
एमसीडी और दिल्ली सरकार की तरफ से हलफनामा भी दिया गया था, लेकिन हाई कोर्ट उससे संतुष्ट नही दिखा. कोर्ट ने सभी को दोबारा साथ बैठकर मीटिंग करने का आदेश दिया है और 8
मई को इस मामले में कोर्ट दोबारा सुनवाई करेगा.
एक हफ्ते पहले भी डेंगू चिकनगुनिया को लेकर हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी, जिसमें दिल्ली सरकार, एमसीडी, रेलवे और कन्टोनमेंट बोर्ड को नोटिस जारी किया था. हाई कोर्ट ने इस मामले स्वत: संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि हर हाल में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया को दिल्ली में रोकने के प्रयास अभी से शुरू किए जाएंगे. दो महीने बाद दिल्ली में मानसून आ जाएगा और अगर अभी से इन बीमारियों की रोकथाम की तैयारी शुरू नहीं की गई तो नतीजे पिछले साल जैसे देखने को मिल सकते है. इसीलिए हाई कोर्ट पहले से ही चाहता है कि दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी अपनी तैयारी वक्त रहते पूरी कर लें.
हाई कोर्ट ने कहा कि हमें बताएं कि अभी तक आप सभी ने क्या-क्या तैयारी की है और अगर नहीं की है तो तुरंत शुरू करें. कोर्ट ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने के लिए सिर्फ पुराने तरीके से ही तैयारी न की जाए, बल्कि लोगों की बीमारी से बचने के लिए उचित शिक्षा, जानकारी और उनके साथ संवाद बनाने से जुड़े कार्यक्रम भी किए जाए. हाई कोर्ट ने हाल ही मे डेंगू, चिकनगुनिया के नए मामले अस्पतालों मे आने के बाद इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है.
पिछले साल मानसून के दौरान हजारों की तादाद में राजधानी में हजारों लोग चिकनगुनिया की चपेट में आ गए हैं और कई दर्जन लोगों की मौत हो गई थी. 2015 में भी राजधानी में लोगों को डेंगू का कहर झेलना पड़ा था. इसीलिए कोर्ट चाहता है कि इस साल सरकार ओर एमसीडी की तरफ से कोई लापरवाही न बरती जाए. कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 1 मई को करेगा.