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पंजाब में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है. राज्य में खालिस्तान आंदोलन को जिंदा करने के लिए आईएसआई लगातार कोशिश कर रही है. जर्मनी में बैठे खालिस्तानी आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डॉक्टर और पाकिस्तान में बैठे रणजीत सिंह उर्फ नीता से जुड़े हुए नेटवर्कों का जांच एजेंसियां विवरण तलाश रही हैं.
बता दें कि आईएसआई के इशारे पर पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन से हथियारों की सप्लाई हो रही है. दोनों खालिस्तानी आतंकवादियों का नाम ड्रोन के जरिए हथियारों का जखीरा भारत भेजे जाने में सामने आया था. जांच एजेंसियों ने कुछ ऐसे WhatsApp ग्रुप को भी ट्रैक किया जो पाकिस्तानी नंबरों से चलाए जा रहे हैं. इन ग्रुपों में रेफरेंडम 2020 के लिए युवाओं को भड़काया जा रहा है. जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
पंजाब में लगातार निगरानी
बता दें कि हाल के कुछ दिनों में पंजाब में ISI की गतिविधियां बढ़ी है. पंजाब में ISI सीमापार से हथियारों की डिलीवरी करवा रही है. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
9 अक्टूबर को पाकिस्तान का एक और संदिग्ध ड्रोनपंजाब के हुसैनीवाला क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सीमा में उड़ता पाया गया था. इससे पहले पाकिस्तानी ड्रोन को 7 अक्टूबर की रात में उसी क्षेत्र में तीन बार देखा गया था.
सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन ने बढ़ाई सनसनी
लगभग एक महीने में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमापार से भारत में हथियार लाने वाले दो ड्रोन्स के पकड़े जाने के बाद से पंजाब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने 27 सितंबर को कहा था कि पुलिस टीमें पाकिस्तान से भेजे गए इन ड्रोन्स को भेजने में आतंकवादी संगठनों के लिंक भी तलाश रही हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक सिर्फ दो ड्रोन्स जब्त हुए हैं, जिनमें एक पिछले महीने और दूसरा तीन दिन पहले तरन तारन जिले के धाबल नगर में जली हुई स्थिति में मिला था.
अब तक हुई जांच के मुताबिक, अगस्त में कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठन भारत में हथियार भेज रहे हैं.