
दिल्ली के करावल नगर के 2600 बच्चों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि अब बिल्डिंग को 10 अक्टूबर तक पूरी तरह से खाली करके बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाए.
दरअसल, ये बच्चे एक ऐसी बिल्डिंग में पढ़ रहे थे जो बेहद जर्जर अवस्था में थी और कभी भी गिर सकती थी. करावल नगर के आलोक पुंज सीनियर सेकंडरी स्कूल के बच्चे लगातार डर के साए में पढ़ाई कर रहे थे.
इस मामले में दिल्ली सरकार को तीन हफ्तों में हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट भी सौंपनी होगी. दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन दिल्ली सरकार को आज से ही करना पड़ेगा. यानी स्कूल को खाली करने का काम अभी से शुरू करके 10 अक्टूबर तक पूरा करना होगा. इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को इन बच्चों के ट्रांसपोर्ट के लिए 30 से 35 बसें देने का भी निर्देश दिया है, ताकि बच्चे इस स्कूल से जहां भी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाए उनके पास स्कूल पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट का माध्यम हो.
करावल नगर के आलोक पुंज स्कूल में बच्चों को क्लास 6 से 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है. 1992 से चल रहे इस स्कूल में पढ़ाई के लिए बच्चों को दिल्ली सरकार 100 फीसदी फंड देती आ रही है. यानी स्कूल पूरी तरह से दिल्ली सरकार की आर्थिक सहायता पर निर्भर है. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूल की बिल्डिंग को दोबारा बनवाने के लिए प्रपोजल देने की बात भी कही है.
बता दें कि स्कूल की ये बिल्डिंग प्राइवेट है. ऐसे में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को सुनिश्चित करने को कहा है कि इस बिल्डिंग को गिराकर दोबारा इस जमीन पर स्कूल का ही निर्माण हो. इस जमीन का इस्तेमाल व्यवसायिक या आवासीय इस्तेमाल के लिए न होने पाए.
हालांकि, करावल नगर का आलोक पुंज दिल्ली में अकेला स्कूल नहीं है जिसकी बिल्डिंग जर्जर है. बारिश के इस मौसम में जब हर दूसरे तीसरे दिन बारिश हो रही होती है, इस तरह की जर्जर इमारतों को गिरने का खतरा लगातार बढ़ जाता है. दिल्ली हाईकोर्ट इससे पहले भी कुछ ऐसे ही स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग को गिराने के आदेश दे चुका है.