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हिमाचल के CM वीरभद्र सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को मामले से संबंधित दस्तावेज (ECIR) की प्रति वीरभद्र सिंह को मुहैया कराने के निर्देश जारी करते हुए अब तक की गई कार्रवाई को लेकर छह हफ्ते में जवाब तलब किया है.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. वीरभद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को मामले से संबंधित दस्तावेज (ECIR) की प्रति वीरभद्र सिंह को मुहैया कराने के निर्देश जारी करते हुए अब तक की गई कार्रवाई को लेकर छह हफ्ते में जवाब तलब किया है. हिमाचल के सीएम ने अपनी याचिका में ED की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी.

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ED ने दर्ज किया था केस
इसके पहले बीते माह वीरभद्र सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन जारी किया था. वीरभद्र सिंह और उनके सहयोगियों को मनी लॉन्डरिंग के मामले में एजेंसी के समक्ष पेश होना था. ईडी ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का एक मामला दर्ज किया था.

वीरभद्र के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं.

कैसे जुटाई इतनी संपत्ति?
ईडी की ओर से दर्ज किए गए केस के मुताबिक, जांच में यह पता लगाया जाएगा कि वीरभद्र और उनके परिवार के सदस्यों ने 2009 और 2011 के बीच आखिर कैसे ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये कथित तौर पर जमा कर लिए. इस अवधि के दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री थे. सीबीआई वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बीमा एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सीएल चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है.

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