
हिमाचल विधानसभा चुनाव के मतदात में चंद दिन बचे हुए हैं. कांग्रेस ने दिग्गज नेता हिमाचल में नजर नहीं आ रहे हैं. हाईकमान ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर चुनाव का पूरा जिम्मा छोड़ रखा है. हालांकि कांग्रेस ने पिछले महीने ही 40 स्टार प्रचारकों की फौज हिमाचल की रणभूमि में उतारने का ऐलान किया था. इसके बावजूद कांग्रेसी स्टार प्रचारक राज्य से गायब हैं.
कांग्रेस एक बार फिर वीरभद्र सिंह के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में है. हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को मतदान होना है. बीजेपी ने राज्य की सियासी जंग जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक रैलियां कर रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी के मुख्यमंत्री के कैंडिडेट प्रेम कुमार सिंह धूमल के साथ केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा डेरा जमाए हुए हैं.
कांग्रेस हिमाचल की सत्ता को बरकरार रखने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहारे छोड़ दिया है. वीरभद्र सिंह बिना केंद्रीय सहयोग के चुनावी समर में हैं, जबकि कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने का दावा किया था, लेकिन अभी तक कोई नजर नहीं आ रहा.
कांग्रेस स्टार प्रचारकों में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम शामिल थे. इसके अलावा कांग्रेस ने युवा टीम से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, अशोक तंवर, सुष्मिता देव और गौरव गोगोई के नामों का ऐलान किया था.
राहुल गांधी की अभी तक गिनती की ही चुनावी रैलियां हुई हैं. इसके अलावा क्रिकेटर से बने राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को रणभूमि में उतर रहे हैं, जबकि बाकी युवा नेताओं के तो अभी तक कार्यक्रम भी तय नहीं हो सके हैं.
हिमाचल प्रदेश की रणभूमि को जीतने के लिए अकेले ही मैदान में कांग्रेस की तरफ से वीरभद्र सिंह पूरे परिवार के साथ उतरे हुए हैं. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटी अपराजिता भी चुनावी कमान संभाले हुए हैं. वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र आर्की का जिम्मा पत्नी और बेटी संभाल रही हैं. इसके अलावा उनके पुत्र विक्रमादित्य अपने विधानसभा शिमला (ग्रामीण) के प्रचार में जुटे हैं.