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लखनऊ में हिंदू महासभा ने मनाया शौर्य दिवस, गोडसे को बताया अराध्य

हिंदू महासभा ने 30 जनवरी का दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाया और शांति के दूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को दरकिनार कर दिया.

महासभा ने गांधी को बताया विभाजन का कारण महासभा ने गांधी को बताया विभाजन का कारण
स्‍वपनल सोनल/आमिर हक
  • लखनऊ,
  • 30 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:38 AM IST

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर शनिवार को जहां पूरा देश उन्हें श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है, वहीं लखनऊ में हिंदू महासभा के दफ्तर में न सिर्फ गांधी के राष्ट्रपिता होने पर सवाल उठाया गया बल्कि‍ उनके कातिल नाथूराम गोडसे का गुणगान किया गया.

हिंदू महासभा ने 30 जनवरी का दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाया और शांति के दूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को दरकिनार कर दिया. गौरतलब है कि 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे से महात्मा गांधी की गोली मारकार हत्या कर दी थी.

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'गांधी के कारण हुआ विभाजन'
हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी कहते हैं, 'महात्मा गांधी देश के विभाजन का आधार बने, इसलिए गोडसे जी ने उनकी हत्या की. हम इसे गलत नहीं मानते. देश के पक्ष में काम करने के लिए हम उनका सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि हिंदुओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए सब मिल कर काम करें.'

बता दें कि अखिल भारत हिंदू महासभा वहीं संगठन है, जिसके नेता कमलेश तिवारी पर धर्म विशेष के खिलाफ टिपण्णी करने पर रासुका लगाया गया है और वह इस वक्त जेल में हैं. कमलेश तिवारी पिछले साल नाथूराम गोडसे का मंदिर बनवाने की नाकाम कोशिश करने की वजह से भी चर्चा में आए थे.

'गोडसे हमारे अराध्य'
महासभा के सचिव शिवा ने कहा, 'गोडसे जी हमारे अराध्य हैं. हम उन्हें हत्यारा नहीं मानते. उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, इसलिए हम उनका अनुकरण करते हैं और उनका संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए आज के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं.'

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