
जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में गायों के मरने के मामले में आखिरकार जयपुर के मेयर को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हटा दिया. हिंगोनिया गौशाला में हजारों गायों के मरने के मामले में जांच कमेटी ने मेयर निर्मल नाहटा को दोषी माना था. अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ मनाते हुए वसुंधरा राजे ने 13 दिसंबर को जयपुर मेयर को हटाने का ऐलान कर दिया.
बीजेपी के प्रदेशअध्यक्ष अशोक परनामी की तरफ से कहा गया कि जयपुर मेयर निर्मल नाहटा ने व्यक्तिगत कारणों से मेयर पद छोड़ने का फैसला किया है. दरअसल जब 'आज तक' ने हिंगोनिया गौशाला की दुर्दशा दिखाई थी कि किस तरह से हजारों गायें भूख-प्यास से तड़प कर कई महीनों से दलदल में फंस कर मर रही हैं तो बीजेपी के जयपुर मेयर को हटाने का दबाव केंद्र की मोदी सरकार और वसुंधरा सरकार दोनों पर था. क्योंकि हिंगोनिया गौशाला की जिम्मदारी जयपुर नगर निगम की ही थी.
जांच कमेटी ने माना, नाहटा ने की लापरवाही
लेकिन तब वसुंधरा राजे के करीबी बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष अशोर परनामी और विभाग के मंत्री राजपाल सिंह ने वसुंधरा को मना लिया था कि मेयर की गलती नही है. तब वसुंधरा राजे ने एक जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार मेयर निर्मल नाहटा की लापरवाही मानी गई है और ये भी कहा गया है कि मेयर की जानकारी के बावजूद गायें मर रही थी . मेयर को इस बात के लिए भी दोषी माना गया है कि तीन महीने से हड़ताल की वजह से हालात बिगड़ने के बावजूद मुख्यमंत्री या मंत्री को इस मामले की जानकारी नहीं दी थी.
विपक्ष ने उठाए कई सवाल
हालांकि विपक्ष का कहना है कि सरकार ने इतनी देर क्यों कर दी. हिंगोनिया की खबर अगस्त के दूसरे सप्ताह में आई थी और अब चार महीने बाद मेयर को क्यों हटा रही हैं? लेकिन लोगों में चर्चा का विषय है कि वसुंधरा राजे ने अपनी तीसरी वर्षगांठ का जश्न मनाते हुए इसका ऐलान क्यों किया है? हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया कि मेयर और जयपुर नगर निगम से पहले ही हिंगोनिया गौशाला का चार्ज लेकर निजी हाथों में अक्षय पात्र को दे दिया गया था. और जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था.
गौरतलब है कि शनिवार को ही इस विभाग के शहरी विकास मंत्री राजपाल सिंह का भी विभाग बदला गया है और गोपालन विभाग कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी से छिना है. दरअसल गाय की बात करने वाली बीजेपी के लिए जनता के बीच जाना मुश्किल हो रहा था और कार्यकरताओं का तरफ से पार्टी को फीडबैक मिला था कि सरकार के एक्शन के नाम पर चार अधिकारियों के सस्पेंड करने और दोषियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं करने से जनता में गलत मैसज गया है.
फिलहाल बीजेपी ने अपने सभी पार्षदों को सीतापुरा के एक निजी होटल में बंद कर दिया है, जहां से सुबह 10 बजे सीधे जयपुर नगर निगम में लाकर नए मेयर का चुनाव किया जाएगा.