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लालू की बेटी को जमीन दान करने वाले ह्रदयानंद ने कहा- हेमा को बहन के नाते दान की जमीन

सुशील मोदी लगातार बेनामी संपत्ति के आरोप को लेकर लालू प्रसाद यादव पर हमलावर हैं. वह कई बार लालू के खिलाफ बेनामी संपत्ति के सबूतों को मीडिया के सामने दिखा चुके हैं. ताजा मामला रेलवे में खलासी के पद पर काम कर रहें ह्रद्यानंद चौधरी का है जिसने 62 लाख की जमीन लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को दान में दी है.

ह्रदयानंद ने लालू की बेटी हेमा को दान की जमीन ह्रदयानंद ने लालू की बेटी हेमा को दान की जमीन
सुजीत झा
  • पटना,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा यादव को जमीन देने वाले ह्रदयानंद चौधरी ने बुधवार को कहा कि वह हेमा को अपनी बहन मानते हैं इसीलिए उन्हें जमीन दान दी है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि ह्रदयानंद को लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी दी थी और उसके नाम पर बेनामी सम्पत्ति खरीद कर अपनी बेटी के नाम दान करवा दिया दी, लेकिन अब ह्रदयानंद चौधरी ने इस आरोप को गलत बताया है.

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सुशील मोदी लगातार बेनामी संपत्ति के आरोप को लेकर लालू प्रसाद यादव पर हमलावर हैं. वह कई बार लालू के खिलाफ बेनामी संपत्ति के सबूतों को मीडिया के सामने दिखा चुके हैं. ताजा मामला रेलवे में खलासी के पद पर काम कर रहें ह्रद्यानंद चौधरी का है जिसने 62 लाख की जमीन लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को दान में दी है. ह्रद्यानंद पटना के राजेन्द्र नगर टार्मिनल के लोको सेड में खलासी के पद पर है. बताया जाता है कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तब इसकी नौकरी उन्होंने ने ही लगवाई थी.

2008 में ह्रद्यानंद चौधरी ने पटना में 7.75 डिसमिल जमीन खरीदी और 13 फरवरी 2014 को लालू के बेटी हेमा यादव को दान में दे दी. इस खुलासे के बाद ह्रद्यानंद अचानक अपने ड्यूटी से गायब हो गए. लेकिन आज उन्होंने मीडिया के सामने आकर सुशील मोदी के आरोप को सिरे से नकार दिया है.

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इससे पहले बीपीएल कार्ड धारी ललन चौधरी ने भी हेमा को जमीन दान में थी. दोनों ने एक ही दिन यानी 13 फरवरी 2014 को अपनी अपनी जमीन आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पांचवी बेटी हेमा को दान दी. साथ ही दोनों के दान पत्र पर हेमा यादव का पता राबड़ी देवी का सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड लिखा हुआ है. ललन चौधरी और ह्रदयानंद दोनों ही एक-दूसरे के दानपत्र के गवाह भी हैं. यही नहीं दोनों ने एक ही दिन 29 मार्च 2008 को जमींन खरीदी थी.

सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि ललन चौधरी या ह्रदयानंद चौधरी सिर्फ मुखौटा है. इनके पास तो पैन नम्बर भी नहीं है. जमीन लिखवाने में इन लोगों का इस्तेमाल किया गया है, लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तब वह खुद परिवार के लोगों के नाम सारी ज़मीन नहीं लिखवा सकते थे इन मुखौटों के नाम पर ज़मीन लिखवाई गई और 5-6 साल इसे परिजनों के नाम पर गिफ्ट कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति को वैध करने के लिए लालू ने यही तरीका अपनाया है. लेकिन अब नरेंद्र मोदी की सरकार में बेनामी कानून बन चुका है और बेनामी संपत्ति है जो आज न कल जब्त होनी तय है.

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