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इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के बीच पहले टेस्ट ने रचा लॉर्ड्स पर इतिहास

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए पहले टेस्ट में 1600 से अधिक रन बने और सभी 40 विकेटें भी गिरीं. क्रिकेट के इतिहास में ऐसा केवल पांचवी बार हुआ जब 1,600 से अधिक रन बने और सभी 40 विकेट भी गिरीं. मजेदार तो यह है कि इस बार यह रिकॉर्ड बनने में 90 साल का वक्त लग गया.

लॉर्ड्स में खेला गया पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता लॉर्ड्स में खेला गया पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2015,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स पर खेला गया सीरीज का पहला टेस्ट मैच घरेलू टीम ने अप्रत्याशित तरीके से पिछड़ने के वाबजूद जीत लिया और इस दौरान लॉर्ड्स एक ऐतिहासिक कारनामे का साक्षी बना. एक ऐसा कारनामा जो 90 सालों बाद दोहराया गया है.

इंग्लैंड ने पहली पारी में 389 रन बनाए. इसके जवाब में न्यूजीलैंड ने 523 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. इंग्लैंड जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरा तो उसने 478 रन बना डाले और न्यूजीलैंड के सामने टेस्ट जीतने के लिए 345 रनों का लक्ष्य रख दिया. लेकिन दूसरी पारी में किवी बल्लेबाज नहीं चले और पूरी टीम महज 220 रनों पर ढेर हो गई. इस तरह पूरे मैच के दौरान 1,610 रन बने और यह लॉर्ड्स पर किसी भी एक टेस्ट मैच में बना सबसे अधिक रनों का नया रिकॉर्ड है.

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क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स पर 1884 से लेकर अब तक कुल 130 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं लेकिन यह केवल तीसरा ऐसा अवसर है जब यहां एक मैच में 1,600 से अधिक रन बने हैं. इस मैदान पर इससे पहले एक मैच में सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड 1,603 रन था जो 1990 में इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गये टेस्ट मैच में बना था. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1930 में खेले गये मैच में इस मैदान पर 1,601 रन बने थे. मैच में बड़ा स्कोर बनने के बावजूद इन तीनों मौके पर नतीजा निकला. तीनों बार इंग्लैंड की टीम ही विजेता बनी.

वैसे 1939 में डरबर के मैदान पर साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट में 1,981 रन बने थे जो आज भी एक टेस्ट मैच में सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड है.

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टेस्ट में 1600 रन और 40 विकेट
क्रिकेट के इतिहास में ऐसे केवल पांच टेस्ट मैच खेले गए जब पूरे मैच के दौरान 1600 से अधिक रन बने हों और सभी 40 विकेटें भी गिरीं हों. लॉर्ड्स में खेला गया यह टेस्ट इस मामले में पांचवें स्थान पर है. 1911 से 1925 के बीच यानी 14 साल के बीच ये रिकॉर्ड चार टेस्ट मैचों में बना.

इसके ओवरऑल रिकॉर्ड में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया 1921 में मेलबर्न टेस्ट है जिसमें 1753 रन बने थे. इसके बाद 1911 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया एडिलेड टेस्ट है जिसमें 1646 रन बने और सभी 40 विकेट गिरे हों.

नंबर तीन पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1925 में खेला गया मेलबर्न टेस्ट है जिसमें 1,619 रन बने थे. इन्हीं दोनों टीमों के बीच 1924 में खेला गया सिडनी टेस्ट चौथे नंबर पर है जिसमें 1,611 रन बने थे. यानी कुल मिलाकर पिछले 90 सालों में पहली बार किसी टेस्ट में सभी विकेट के आउट होने के साथ ही 1,600 रन बनने का कारनामा हुआ.

500 रन बनाकर भी हारे टेस्ट
न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी पहली पारी में 523 रनों का पहाड़ खड़ा किया और फिर भी टेस्ट हार गई. यह न्यूजीलैंड के लिए नया रिकॉर्ड है. इससे पहले 433 रन बनाने के बावजूद हारने का रिकॉर्ड न्यीजीलैंड के नाम दर्ज है जो उसने 2005 में क्राइस्टचर्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए थे. साथ ही यह टेस्ट क्रिकेट में 14वां मौका है जब किसी टीम ने किसी एक पारी में 500 से अधिक रन बनाए हों और फिर टेस्ट हार गई हो. इस मामले में रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है. 1894 में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेले गए सिडनी टेस्ट में तब ऑस्ट्रेलिया ने 586 रन बनाए थे.

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