
जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया पर से पाबंदी उठते ही हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू ने एक ऑडियो जारी किया है. ऑडियो टेप में उसने सेना पर हमले की चेतावनी दी है. पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म होने के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालात सामान्य होते ही यह पाबंदी उठा ली गई. अब इसका फायदा उठाते हुए हिज्बुल कमांडर ने ऑडियो जारी कर सेना पर हमले की गीदड़भभकी दी है.
हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू को छिप कर हमले करने वाला आतंकी माना जाता है. वह दक्षिण कश्मीर के इलाकों में सेना और पुलिस की नजरों से बचकर हमले को अंजाम देता है. इसी कड़ी में उसने सोशल मीडिया दोबारा शुरू होते ही ऑडियो जारी किया है और अपने मंसूबे जाहिर किए हैं.
यह ऑडियो टेप हिज्बुल कैडरों को प्रेरित करने के लिए एक हथकंडा माना जा रहा है. 16 मिनट के इस ऑडियो टेप में नाइकू का कहना है कि धारा 370 को निरस्त करने से भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ उसकी लड़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. नाइकू ने उमर और महबूबा मुफ्ती का उल्लेख करने के अलावा हाल ही में जारी पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का उदाहरण दिया. उसने कहा कि भारत सरकार ने इन राजनेताओं के साथ "यूज एंड थ्रो" की पॉलिसी अपनाई है.
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टेप में नाइकू ने कहा है कि दुनिया कश्मीर के हालात देख रही है. उसने कहा कि भारतीय सेनाओं को कश्मीर छोड़ना होगा जैसे अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ा. नाइकू के इस ऑडियो टेप पर एक शीर्ष अधिकारी ने 'इंडिया टुडे' से कहा कि इसका बहुत ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है लेकिन सोशल मीडिया के माध्यस से आतंकी अपने कारनामे जारी रखते हैं तो सुरक्षा समीक्षा कर इसे बंद करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचेगा. इससे पहले सोशल मीडिया लगातार 7 महीने बंद रहा था. मोबाइल सेवाओं के साथ भी ऐसा ही किया गया था लेकिन पिछले साल नवंबर में जहां पोस्ट पेड मोबाइल शुरू कर दिया गया, वहीं इस साल 4 मार्च को सोशल मीडिया से पाबंदी हटाई गई थी.
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17 फरवरी को कश्मीर साइबर पुलिस स्टेशन ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर एक एफआईआर दर्ज की थी. शीर्ष सूत्रों ने कहा, इस संबंध में (नाइकू का ऑडियो) कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, लेकिन इसे केस डायरी में दर्ज किया जाएगा. प्रदेश में टेलीकम्यूनिकेशन पर अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जानी है जिससे ठीक पहले यह टेप सामने आया है. समीक्षा 17 मार्च को होने वाली है और उस बैठक में नाइकू का मामला उठाया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि जनवरी-फरवरी के बीच घाटी के लगभग सभी आतंकियों को ढेर किया जा चुका है लेकिन नाइकू पुलिस व सेना को चकमा देकर फरार होता रहा है. अधिकारियों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब नाइकू का भी वही हश्र होगा जो बाकी आतंकियों का हुआ है.