
लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने लखनऊ की रिहायशी इमारतों पर लगे विज्ञापन और होर्डिंग्स को हटाने का फैसला किया है.
दरअसल, लखनऊ के लगभग एक हजार घरों पर लगे विज्ञापन और होर्डिंग्स सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं. लेकिन भवन मालिकों ने किराये के लालच में बड़े-बड़े स्ट्रक्चर्स लगाकर इन्हें एजेंसियों को किराये पर दे रखा है.
11 नवम्बर को एलडीए और नगर निगम ने भवन मालिकों को इन्हें हटाने के लिए कहा था, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इस बारे में भवन मालिकों को इजाजत और ले-आउट के साथ कागजात जमा कराने का वक्त भी 30 दिसम्बर तक दिया गया था, लेकिन भवन मालिक नहीं माने.
इधर, विज्ञापन एजेंसियों ने भी एलडीए और नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एजेंसियों का कहना है कि एसडीए ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वो अपनी पसंदीदा एजेंसी को सारा काम देना चाहती है.
एजेंसियों के विरोध के बावजूद एलडीए इस मामले में पूरी तरह से सख्ती दिखाने के मूड में है. अधिकारियों का कहना है कि अगर मकान मालिकों ने नियमो के तहत काम नहीं किया तो चंद रोज में सारी होर्डिंग्स हटाकर ढहा दी जाएंगी.