
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल हाउस बीफ विवाद मामले में खेद जताया है. इंडिया टुडे ग्रुप से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई द्वेष से प्रेरित नहीं थी, लेकिन फिर भी वह केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी से घटना पर अफसोस प्रकट करना चाहते थे.
गौरतलब है कि चांडी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए गृह मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस बात की शिकायत की है कि पुलिस को केरल हाउस जाने से पहले राज्य के रेजिडेंट कमिश्नर से बात करनी चाहिए थी. राजनाथ सिंह ने कहा कि वह बिहार में चुनाव अभियान से लौटने के बाद मुख्यमंत्री चांडी से बात करेंगे.
सिंह ने बताया कि उन्होंने मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को हिदायत दी है कि वह अपने पुलिसकर्मियों से भविष्य में ऐसे किसी मामले में कार्रवाई करते समय सतर्कता बरतें. गृह मंत्री ने गोमांस की गलत सूचना देने वाले हिंदू सेना चीफ विष्णु गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कही है.
'देश का अपमान कर रहे हैं साहित्यकार'
गृह मंत्री ने साहित्य अकादमी और दूसरे अन्य प्रतिष्ठित सम्मान लौटाने वाले साहित्यकारों, फिल्म निर्माताओं, वैज्ञानिकों और कलाकारों पर जमकर निशाना साधा है. राजनाथ सिंह ने कहा, 'कोई भी पुरस्कार जिस पर अशोक का चिन्ह है वह एक राष्ट्रीय सम्मान है और अगर कोई उसे लौटाता है तो यह देश का अपमान है, न कि उस समय सत्ता संभाल रही सरकार का.'
सिंह ने साहित्यकारों पर जुबानी वार करते हुआ कहा कि जो लोग अभी विरोध का सुर उठा रहे हैं वो तब कहां थे जब कांग्रेस के शासन काल में दंगों के दौरान हजारों लोगों की जान गई थी.
'दादरी के लिए मोदी सरकार को दोष देना गलत'
राजनाथ सिंह ने कहा कि बतौर गृह मंत्री वो चाहकर भी राज्य की कानून व्यवस्था में दखल नहीं दे सकते. ऐसे में दादरी और कर्नाटक में जो हुआ उसके लिए प्रधानमंत्री को दोष देना गलत है. उन्होंने कहा, 'देश की आतंरिक सुरक्षा का जिम्मा मेरा है. अगर विपक्ष किसी पर दोष ठहराना ही चाहती है तो वह मुझे लक्षित कर सकती है. प्रधानमंत्री का राज्य की कानून व्यवस्था से क्या काम है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को इस तरह के मुद्दे से जोड़ना या उन पर इसे लेकर हमला करना पूरी तरह गलत है.'