
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत की दुनिया में अब एक मजबूत देश के रूप में छवि बन चुकी है और हिंदुस्तान ने पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है कि वह सरहद के इस पार ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर उस पार भी घुसकर दुश्मन को मार सकता है.
पाकिस्तान पर चिढ़ा राजनाथ
राजनाथ ने भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ के एक दिवसीय महाधिवेशन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान का जिक्र किया और कहा कि भारत अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. मैं आपको यकीन दिलाना चाहता हूं कि पूरे हिन्दुस्तान का मस्तक हमारी सरकार कभी झुकने नहीं देगी.
उन्होंने कहा, 'भारत अब दुनिया में कमजोर नहीं बल्कि एक ताकतवर देश के रूप में जाना जाता है. आज से कुछ महीने पहले पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी भारत की सीमा में घुस आए थे और उन्होंने हमारी सेना के जवानों पर रात में कायरतापूर्ण हमला करके 17 सैनिकों की जान ले ली थी, उसके बाद हमारे प्रधानमंत्री हमारे साथ बैठे और उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए फैसला किया.'
घर में घुसकर मार सकते हैं पाकिस्तान को
गृह मंत्री ने कहा, 'उसके बाद हमारे बहादुर सैनिकों ने कैसा करिश्मा किया, यह आपको बताने की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान की धरती पर जाकर आतंकवादियों का सफाया करने में वे पूरी तरह कामयाब रहे, हमने सारी दुनिया को यह संदेश दे दिया कि हम केवल इस पार ही नहीं, जरूरत पड़ी तो उस पार भी जाकर मार सकते हैं. भारत के अंदर यह ताकत पैदा हो गई है.'
उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से भी यदि देखा जाए तो भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत की प्रतिष्ठा भी अंतरराष्ट्रीय जगत में तेजी से आगे बढ़ रही है. हमारे प्रधानमंत्री ने कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मोदी की अगुवाई में देश की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और अब अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्री तथा विशेषज्ञ भी इसे स्वीकार करते हैं.
राजनाथ सिंह ने रेलवे माल गोदाम श्रमिकों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे बड़ी बात यही है कि आपकी समस्याओं का अब तक समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह रेल मंत्री तथा श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि अपने पसीने से रेलवे को बड़ी आमदनी कराने वाले रेलवे माल गोदाम श्रमिकों में से बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिनकी पिछली पीढ़ियां भी रेलवे श्रमिक ही थे, मगर उन्हें इसके बावजूद उनके पास कोई पहचान-पत्र नहीं है और ना ही रेलवे के अस्पतालों में चिकित्सा की सुविधा प्राप्त है. वह इन समस्याओं का समाधान कराने की पूरी कोशिश करेंगे.
उन्होंने कहा कि रेलवे ने वर्ष 2030 तक तीन अरब टन माल ढुलाई का लक्ष्य तय किया है और रेलवे के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार पांच लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.