Advertisement

अच्छा काम नहीं करने पर दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बर्खास्त

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों की इस तरह बर्खास्तगी करीब दो दशक बाद सामने आई है. इससे पहले दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह के कदम उठाए गए थे जो उस समय महाराष्ट्र में तैनात थे.

करीब दो दशक बाद केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कार्रवाई की गई करीब दो दशक बाद केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कार्रवाई की गई
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:16 AM IST

केंद्र सरकार ने दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को काम में लापरवाही बरतने पर बर्खास्त कर दिया, ऐसी कार्रवाई करीब दो दशक बाद की गई है. अफसरों के काम के आकलन में पाया गया कि कथित तौर पर काम में कोताही करने के कारण वे सेवा में बने रहने योग्य नहीं हैं. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1998 बैच के अधिकारी मयंक शील चौहान और छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के अधिकारी राजकुमार देवांगन को अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम- 1958 के तहत समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई है.

Advertisement

दोनों अधिकारियों के सेवा प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा के बाद जनहित में यह कार्रवाई की गई है. दोनों की सेवा के 15 वर्ष पूरे हो चुके हैं. अधिकारी ने बताया कि आईपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा काम में कोताही करने वाले अधिकारियों को बाहर करने के लिए की गई थी. अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की दो बार सेवा समीक्षा की जाती है. पहली सेवा के 15 वर्ष पूरा होने पर और फिर 25 वर्ष पूरा होने पर दोबारा समीक्षा की जाती है.

अखिल भारतीय सेवा के नियम के मुताबिक केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श कर और सेवा के सदस्य को कम से कम तीन महीने पहले लिखित नोटिस देकर या इस तरह के नोटिस के बदले तीन महीने के वेतन और भत्ते का भुगतान कर जनहित में सदस्य को सेवानिवृत्त कर सकती है.

Advertisement

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों की इस तरह बर्खास्तगी करीब दो दशक बाद सामने आई है. इससे पहले दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह के कदम उठाए गए थे जो उस समय महाराष्ट्र में तैनात थे.

पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी चौहान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के कई आरोप थे. उन पर आरोप था कि अरूणाचल प्रदेश में तैनाती के दौरान किसी को अधिकृत किए बगैर वह सेवा से अनुपस्थित रहे. पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी देवांगना 1998 के एक लूट मामले में विभागीय जांच का सामना कर रहे थे जो छत्तीसगढ़ के चम्पा जिले में पुलिस अधीक्षक के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान हुई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement