आखिरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का भारत में रेजिडेंट परमिट बढ़ा ही दिया. बांग्लादेश से निर्वासित तसलीमा बार-बार अपना रेजिडेंट परमिट बढ़ाने
की अपील कर रही थीं.
17 को खत्म हो गया था परमिट
तस्लीमा का
रेजिडेंट परमिट 17 अगस्त को को खत्म हो गया था और उन्होंने इसके रिन्यू न होने पर ट्वीट करके चिंता भी जाहिर की थी. बतौर
तस्लीमा 2004 से 2014 तक उन्हें हर बार
उनका रेजिडेंट परमिट 17 अगस्त से पहले मिल जाता है, लेकिन इस साल नहीं मिला.
अच्छे दिन पर किया ट्वीट
तस्लीमा ने शुक्रवार को भी ट्वीट किया था, 'राजनाथ सिंह जी ने कहा था कि मेरे अच्छे दिन आ गए हैं, मुझे 50 साल के लिए रेजिडेंट परमिट मिलेगा. लेकिन इस साल परमिट मिला.
इंतजार जारी.' इसके कुछ घंटे बाद ही उन्हें रेजिडेंट परमिट मिलने की खबर आ गई.
2004 से भारत में रह रही हैं
उनका परमिट एक साल के लिए बढ़ा है. 1994 से ही जान से
मारने की धमकियां मिलने के बाद से वो अपने देश से बाहर रह रही हैं. तस्लीमा स्वीडन की नागरिक हैं, लेकिन वह 2004 से लगातार भारत में ही रही हैं.