
तमिलनाडु के त्रिपुर जिले में रविवार को कथित ऑनर किलिंग मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस पर रिपोर्ट मांगी है. सोमवार को लड़की के पिता ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया है. करीब आठ महीने पहले शादी कर चुके इस जोड़े की रविवार को सरेआम बेरहमी से पिटाई की गई थी, जिसमें लड़के की मौके पर ही मौत हो गई थी.
बेटी ने पिता को ठहराया जिम्मेदार
मामले में लड़की के पिता ने सोमवार को डिंडिगल जिले में निलाकोट्टई में एक स्थानीय कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया. जबकि मारपीट में घायल हुई मृतक की पत्नी कौशल्या ने हत्या के लिए अपने पिता को दोषी ठहराया है.
पति के अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत नहीं
इस केस में शंकर की मौत हो गई थी. शंकर की पत्नी कौशल्या उनके अंतिम संस्कार में जाना चाहती है लेकिन पुलिस ने इजाजत देने से इनकार कर दिया. दलित लिब्रेशन पार्टी की महासचिव सेनकोटियान ने कहा, 'लड़की ने अपने पति के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने की इच्छा जताई है. हमने सरकार और पुलिस से इसके लिए अनुरोध किया है. उन्होंने इजाजत देने से इनकार कर दिया. खुद मुख्यमंत्री और कोयंबटूर की एसपी महिलाएं हैं. वो इस महिला की भावनाओं को क्यों नहीं समझ सकती.'
सीसीटीवी फुटेज में दिखी बेरहमी
बता दें कि घटना की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है, जिसमें 22 साल के शंकर और उसकी पत्नी कौशल्या पर तीन लोग उस वक्त हमला करते हुए नजर आ रहे है, जब दोनों सड़क पार कर रहे थे. पति को बचाने की कोशिश में कौशल्या भी जख्मी हो गई थी. दिलचस्प बात यह रही कि भीड़भाड़ वाले इलाके में सरेआम हुए इस कत्ल के दौरान लोग मूकदर्शक बनकर देखते रहे. जबकि वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर बाइक पर सवार होकर फरार हो गए.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि थेवर जाति से आनेवाली लड़की और एससी जाति के लड़के ने आठ महीने पहले ही शादी की थी. घटना के बाद उदुमलपेट पुलिस स्टेशन में हत्या का केस दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने मामले की जांच के लिए स्पेशल फोर्स का गठन किया है.
प्रेम और विवाह के आड़े आई जाति
लड़की जिस थेवर जाति की है वह तमिलनाडु सरकार में अति पिछड़ी जाति (एमबीसी) के तौर में दर्ज है. कथित तौर पर इसे गैर-दलित जाति माना जाता है, वहीं लड़का दलित था.