
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सोमवार को संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बीच में ही उन्हें रोक दिया. इस बीच, जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव गिरीश होसुर से मुलाकात की.
आधिकारिक तौर पर जेएनयू छात्र संघ की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. छात्र संघ ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी मंत्रालय को अवगत कराया और दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. JNUSU, जेएनयू प्रशासन और हॉस्टल के अध्यक्ष मंत्रालय द्वारा गठित समिति से बुधवार को मुलाकात करेंगे और गतिरोध की स्थिति पर एक रिपोर्ट देंगे. हालांकि इस बीच, जेएनयू छात्रों का विरोध जारी रहेगा.
LIVE Update:
-आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की
-दिल्ली पुलिस ने बताया कि मार्च के दौरान झड़प में करीब 30 पुलिसकर्मी और 15 घायल हो गए
-जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव गिरीश होसुर से मुलाकात की. आधिकारिक तौर पर जेएनयू छात्र संघ की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. छात्र संघ ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी मंत्रालय को अवगत कराया और दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. JNUSU, जेएनयू प्रशासन और हॉस्टल के अध्यक्ष मंत्रालय द्वारा गठित समिति से बुधवार को मुलाकात करेंगे और गतिरोध की स्थिति पर एक रिपोर्ट देंगे. इस बीच जेएनयू छात्रों का विरोध जारी रहेगा.
-जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की है. एसोसिएशन ने कहा कि प्रदर्शन करने के छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकारों से रोकने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया यह गलत है. कई छात्र घायल हुए हैं.
-कन्हैया कुमार ने कहा कि ट्रिलियन देश की इकनॉमी बनेगी और एक यूनिवर्सिटी के लिए क्यों कुछ नहीं हो सकता, टैक्स के पैसे से नेता मौज उड़ाएं तो कुछ नहीं, लेकिन देश को शिक्षा और इलाज फ्री में मिले तो उससे आपत्ति है.
-JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि देश के नेता मौज करें तो वो ठीक, नेता संसद में फ्री में खाएं तो वो ठीक है, लेकिन छात्र फीस से राहत की मांग करें तो बुरा है? जेएनयू में गरीब छात्र पढ़ते हैं इसलिए फीस बढ़ाई नहीं जानी चाहिए.
-जेएनयू छात्र संघ के सदस्य मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मिलेंगे और फीस बढ़ोतरी को लेकर अपनी बात रखेंगे. इस बीच पुलिस रास्ता खाली कराने के लिए छात्रों को हटा रही है. हालांकि छात्र हट नहीं रहे हैं. पुलिस की रणनीति है कि रास्ता खाली कराकर ट्रैफिक को नॉर्मल किया जाए. छात्रों को हटाने से पहले इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गईं.
-धरना दे रहे जेएनयू के छात्रों को पुलिस ने खदेड़ा
-जेएनयू छात्र संघ के सदस्य मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मिलने पहुंचे, लेकिन छात्रों का प्रदर्शन अभी जारी है
-उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय में प्रवेश या निकास द्वार खोल दिया गया है. सभी 3 स्टेशनों पर ट्रेनें रुक रही हैं. अब तीन स्टेशनों पर प्रवेश खोल दिया गया है. अब, सिर्फ दो स्टेशन बंद हैं- लोक कल्याण मार्ग और जोर बाग.
-जेएनयू स्टूडेंट्स की मांग दिल्ली पुलिस ने मान ली है. पुलिस हिरासत में लिए गए 50 से ज्यादा छात्रों को छोड़ रही है. हालांकि छात्रों का धरना प्रदर्शन अब भी जारी है.
-दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रों के सामने प्रस्ताव रखा है कि अगर छात्र चाहें तो उनके डेलिगेशन को एचआरडी मिनिस्ट्री से मुलाकात करवा सकते हैं. हालांकि छात्रों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. छात्रों का धरना-प्रदर्शन जारी है.
-छात्रों और पुलिस में झड़प, छात्रों पर लाठीचार्ज के आरोपों की दिल्ली पुलिस ने जांच कीजिए जाने की बात कही है
-अभी छात्रों को सफदरजंग टॉम्ब के पास रोक दिया गया है.
-छात्रों को सफदरजंग टॉम्ब के पास रोक दिया गया है. रोके जाने के बाद छात्र सड़क पर ही बैठक कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
- JNU मार्च के चलते दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन, उद्योग भवन, पटेल चौक स्टेशन पर गेट बंद रहेंगे और मेट्रो ट्रेन इन स्टेशनों पर रुकेगी नहीं. छात्रों के विरोध के चलते इन मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है. JNU छात्रों के प्रदर्शन के चलते अस्थाई तौर पर बंद किए गए 3 मेट्रो स्टेशन. छात्रों का विरोध प्रदर्शन, केंद्रीय सचिवालय मेट्रो भी बंद.
-लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र भी फीस वृद्धि के खिलाफ JNU छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं.
-छात्रों के मार्च को देखते हुए कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है
- प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हमारी मांगें नहीं मानी जा रही है. इसलिए हम संसद तक मार्च निकालेंगे.
- छात्रों का हुजूम बेर सराय पर लगाए गए पुलिस की आखिरी बैरिकेड तक पहुंच गया है.
- छात्र बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए हैं और आखिरी बैरिकेड को भी तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
- बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे कई छात्रों को हिरासत में लिया गया.
- आखिरी में लगे कुछ बैरिकेड को छात्रों को तोड़ दिया है. हालांकि छात्रों को पुलिस रोकने की कोशिश कर रही है.
- करीब डेढ़ घंटे से जेएनयू छात्रों और पुलिस के बीच भिड़ंत जारी है. छात्रों ने आधा किलोमीटर की दूरी तय कर ली है.
- दो घंटे के संघर्ष के बाद छात्रों ने बेर सराय में लगे बैरिकेड को तोड़ दिया है. हालांकि, इस दौरान करीब 200 से अधिक स्टूडेंट को हिरासत में ले लिया गया.
- छात्रों का मार्च भीकाजी कामा प्लेस पर पहुंच गया है. हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग की जा रही है.
जेएनयू गेट के बाहर 1200 पुलिसकर्मी तैनात
जेएनयू गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स तैनात की है. करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को पार्लियामेंट तक नहीं जाने दिया जाएगा. पार्लियामेंट के आसपास धारा-144 लगी हुई है. सूत्रों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को जेएनयू के आसपास ही एक किलोमीटर के दायरे में रोकने की प्लानिंग है. हालांकि किस पॉइंट पर रोका जाएगा ये अभी फाइनल नहीं किया गया है.
छात्रसंघ ने क्या कहा
छात्रसंघ की ओर से जारी पर्चे में कहा गया है कि फरवरी 2019 के सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक सेकेंड्री और हायर से 94,036 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल नहीं किया गया. सीएजी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 7298 करोड़ रुपये रिसर्च और विकास कार्यों में खर्च होने थे जो नहीं हुए.
छात्रसंघ का दावा है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने पब्लिक फंडेड एजुकेशन के दरवाजे विदेशी और कॉर्पोरेट शिक्षा के लिए बंद कर दिए हैं. क्या इसी वजह से ऐसा हुआ है. 5.7 लाख करोड़ बैड लोन और 4 लाख करोड़ टैक्स रिबेट्स कॉर्पोरेट को दिए गए. लेकिन पब्लिक फंडेड एजुकेशन के लिए कुछ नहीं दिया गया.
सांसदों से क्या है मांग?
छात्रसंघ ने सांसदों से सवाल किया है कि बढ़ी हुई फीस पर वे साथ देंगे. क्या सभी के लिए वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग करेंगे. क्या वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन पर हो रहे प्रहार को रोकेंगे? छात्रसंघ का कहना है कि छात्र आगे बढ़कर मांग करें साथ ही नीति निर्माताओं को इस बात का जवाब देने दें कि शिक्षा अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं.