
जम्मू-कश्मीर में बुधवार को बेहद नाटकीय सियासी घटनाक्रम देखने को मिला. दरअसल पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन से सरकार बनाने संबंधी पत्र को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राजभवन को फैक्स से भेजने की कोशिश की. लेकिन 2 घंटे के प्रयास के बाद भी सफल नहीं हो पाईं. इसके बाद उन्होंने अपनी चिट्ठी पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट की और फिर राजभवन को ई-मेल के जरिए पत्र भेजा. इस बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी. इसी के साथ एक फैक्स के अटक जाने से घाटी में सरकार बनाने की संभावना भी खत्म हो गई.
बुधवार को दिन भर चली सियासी उठापटक में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, उमर अब्दुल्ला की एनसी और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर जारी रहा. जिसके बाद शाम को महबूबा ने पीडीपी के 29, एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए सरकार बनाने की पेशकश की.
लेकिन एक फैक्स के चक्कर में पेंच फंस गया. पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती के ट्वीट के मुताबिक उन्होंने सरकार बनाने के दावे संबंधी पत्र को 2 घंटे तक फैक्स करने की कोशिश की, लेकिन फैक्स नहीं हो पाया. इसके बाद उन्होंने राजभवन फोन करने की भी कोशिश की लेकिन इसमें भी असफल रहीं. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को टैग करते हुए चिट्ठी ट्विट कर दी ताकि वह इसे औपचारिक दावा मान लें.
इसके कुछ समय बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए बताया कि इस चिट्ठी की सॉफ्ट कॉपी को उन्होंने राजभवन को ई-मेल के जरिए भेजा है.
इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के राजभवन को तुरंत एक नई फैक्स मशीन की जरूरत है.
बता दें कि पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP)की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने की 'कोशिश' की. इस खबर के सामने आने के कुछ देर बाद ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी. राजभवन के जनसंपर्क विभाग ने अपने ट्विटर हैंडल से राज्यपाल के आदेश की प्रति ट्वीट की जिसके ऊपर लिखा हुआ फैक्स नंबर साफ देखा जा सकता है.
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि आज के तकनीकी दौर में, यह बहुत अजीब है कि माननीय राज्यपाल के निवास की फैक्स मशीन ने हमारा फैक्स प्राप्त नहीं किया लेकिन विधानसभा भंग करने का आदेश तेजी से जारी हो गया.
PDP ने दावा किया था कि उसके पास कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का समर्थन है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में दावा किया था कि उनके पास 56 विधायक उनके साथ हैं.