
पाकिस्तानी मीडिया आतंकी डेविड हेडली को अपना नागरिक नहीं मानता है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत में हेडली की गवाही को पाकिस्तानी मीडिया ने न के बराबर जगह दी. साथ ही हेडली को 'अमेरिकन' कैदी बताया है.
पाकिस्तान के जाने-माने अखबार 'डॉन' और 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने हेडली को अमेरिकन बताया और हेडली के बयानों को सीधे नहीं छापा. हेडली को लेकर जो खबरें छपी उनमें वकील उज्ज्वल निकम के बयान के हवाले से प्रकाशित किया.
ISI पर दिए बयान अखबारों से गायब
डेविड हेडली ने गवाही के पहले दिन यह कबूल किया था कि 26/11 हमले से पहले वह 8 बार भारत आ चुका था. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इस खबर को 16वें पन्ने पर जगह दी. हालांकि दूसरे दिन हेडली ने जब यह बताया कि कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों ने लश्कर, जैश और हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों को नैतिक, आर्थिक और सैन्य मदद दी, तब अखबार से ये खबरें गायब रहीं.
बुधवार को पाकिस्तानी अखबारों के फ्रंट पेज घरेलू खबरों से भरे थे. अखबारों के अंतरराष्ट्रीय पन्ने पर भी जर्मनी में हुए ट्रेन हादसे को बढ़ा-चढ़ाकर परोसा गया. इस हादसे में 10 लोगों की जान गई थी. लेकिन 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले, जिसमें 166 लोगों ने जान गंवाई, से जुड़ी खबर का कहीं कोई जिक्र नहीं था.