
बिहार में महागठबंधन खतरे में हैं. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार तेजस्वी को पद से हटाने का मन बना चुके हैं. आरोपों में घिरे बिहार के डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव के हटने के बावजूद लालू नीतीश का साथ छोड़ने की गलती नहीं करेंगे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक लालू के पास प्लान-बी तैयार है. इसमें कई विकल्पों के साथ आरजेडी आगे बढ़ सकती है.
विकल्प 1- तेजस्वी को नीतीश हटाएंगे तो आरजेडी के सारे मंत्री भी नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे और नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देगी RJD
विकल्प 2- तेजस्वी खुद छोड़ेंगे डिप्टी सीएम का पद, आरजेडी से कोई दूसरा बनेगा डिप्टी सीएम
लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई और ईडी के छापों के बाद तेजस्वी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा. इसके बाद तेजस्वी ने अपने बचाव में दलील दी कि ये मामला 2004 का है. तब उनकी मूंछे भी नहीं उगी थीं. जेडीयू ने कहा कि पार्टी तेजस्वी के इन दलीलों से संतुष्ट नहीं है. इसके बाद आरजेडी विधायक भाई विरेंद्र का बयान आया कि आरजेडी के पास 80 विधायक हैं और जो आरजेडी चाहेगी वही होगा. इसका जवाब जेडीयू नेता के सी त्यागी ने दिया और कहा कि नीतीश कुमार की अपनी इमेज है और भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने आरजेडी विधायक के बयान को अहंकार भरा बताया.
क्या है बिहार विधानसभा में दलगत समीकरण
बिहार के सत्ता समीकरण पर नजर डालें, तो 243 सदस्यीय विधानसभा में आरजेडी 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं जेडीयू के पास 71 सीटें है. तो बीजेपी के खाते में 58 सीटें हैं. कांग्रेस की 27 सीटे हैं. सीटों के मामले में दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद नीतीश कुमार बिहार के सीएम बने. ऐसे में नीतीश अगर आरजेडी ने नाता तोड़ बीजेपी से हाथ मिलाते हैं, तब भी वह 129 सीटों (71+58) के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर सत्ता में बने रहेंगे. हालांकि, लालू बीजेपी को ये मौका नहीं देना चाहेंगे और बाहर से समर्थन जारी रखेंगे.