
सुब्रमण्यम स्वामी को जेएनयू का वाइस चांसलर बनाए जाने वाले न्यूज को एचआरडी मिनिस्ट्री ने आधारहीन बताया है. मिनिस्ट्री में इसको लेकर काफी मजाक भी बनाया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर स्वामी के वीसी बनने की खबर छायी हुई है.
मिनिस्ट्री का मानना है कि इस मुद्दे पर स्वामी के ट्वीट ने अफवाहों को हवा दी थी. स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा था कि जेएनयू के वीसी पद को स्वीकारने से पहले उन्होंने मिनिस्ट्री के सामने कुछ शर्तें रखी हैं.
मिनिस्ट्री की ओर से स्वामी को वीसी का पद दिए जाने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है. इसके पीछे दो महत्वपूर्ण कारण हैं. पहला कारण यह है कि उनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है. जबकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी की रिटायरमेंट की उम्र ही 70 साल होती है. और दूसरी वजह यह है कि जेएनयू में वीसी सेलेक्शन के लिए सर्च कम सेलेक्शन कमिटी का गठन भी नहीं हुआ है. जेएनयू ने कमिटी के लिए दो नाम भेजे हैं, जिन्हें अब तक यूनिवर्सिटी के विजिटर (राष्ट्रपति) ने फाइनल नहीं किया है.
ये हैं सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट
वहीं, स्वामी के ट्वीट के समर्थन और विरोध में सोशल मीडिया पर बहस तेज है. स्वामी ने ट्वीट किया था कि अगर मुझे राष्ट्रविरोधी स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी से निष्कासित करने का अधिकार दिया जाए तो अलग बात है.