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दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए राहत की खबर है. दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की जॉइंट कमेटी ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत तमाम नेताओं के खिलाफ धरने के दौरान दर्ज किए गए मामले वापस लेने की सिफारिश की है. यानी अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के खिलाफ ऐसे करीब 35 मामले वापस लिए जाएंगे.
वापस होगा 49 दिन की सरकार का भी केस
49 दिन की केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए सीधे रेल भवन पर धरना दिया था. तब पहली बार सीएम बने केजरीवाल खुद भी धरने पर बैठे थे. मामला ऐसी जगह धरने पर बैठने का था जहां उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. इसलिए पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
ज्यादातर मामले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दौर के
जो केस वापस लिए जाएंगे उनमें ज्यादातर केजरीवाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ तब दर्ज हुए थे, जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन के झंडे तले प्रदर्शन करते थे.
इन नेताओं को मिली राहत
जिन नेताओं को राहत मिली है उनमें केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा मंत्री कपिल मिश्रा, पूर्व मंत्री राखी बिड़लान, विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेन्द्र गुप्ता, BJP सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और विजय गोयल और कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा का नाम शामिल है.
इसलिए वापस लिए गए केस
इन सबको राहत इसलिए मिली है क्योंकि पिछले साल ऐसे ही एक मामले में BJP नेता डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ तब मामला वापस लिया गया जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था। इसी केस को आधार बनाकर अब केजरीवाल और बाकी नेताओं को राहत मिली है.
15 मामलों पर विचार ही नहीं किया
अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के खिलाफ दिल्ली में करीब 50 केस दर्ज हैं, जिन्हें नेता राजनैतिक मामले बताते हैं. सरकार और पुलिस की कमेटी जब साथ बैठी तो इनमें से 15 पर तो विचार भी करना उचित नहीं समझा, क्योंकि उन्हें वापस लेना मुमकिन नहीं था. बाकी 35 मामले कमेटी ने वापस लेने का फैसला किया.