
दिल्ली देहात में हुक्का पीते-पीते सियासत की चर्चाएं गरम हुआ करती हैं, लेकिन इन दिनों हुक्के की सियासत खूब गर्म है. दिल्ली में चलने वाले हुक्का बार पर पाबंदी को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सेहरा बांधने की सियासत चल पड़ी है.
हुआ यूं है कि दिल्ली में केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन के बाद तमाम रेस्टोरेंट और कैफे में चलने वाले हुक्का बार को बंद करने के आदेश दिल्ली सरकार ने जारी कर दिये. इस बारे में जब मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बयान जारी किया, तो बीजेपी एमएलए मनजिंदर सिंह सिरसा और सांसद प्रवेश वर्मा पलटवार करने मैदान में आ गए. प्रवेश वर्मा के मुताबिक केंद्र सरकार ने मई 2017 में एक नोटिफिकेश जारी कर हुक्का बार पर पाबंदी लगा दी थी. नोटिफिकेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियम बना दिया कि किसी भी रेस्टोरेंट के स्मोकिंग एरिया में रेस्टोरेंट की तरफ से स्मोकिंग की कोई चीज़ नहीं परोसी जा सकेगी. यही नहीं खाने पीने की भी कोई चीज स्मोकिंग एरिया में नहीं परोसी जाएगी. अगर ग्राहक चाहे तो वो अपने साथ लाए स्मोकिंग के सामान का इस्तेमाल रेस्टोरेंट के स्मोकिंग एरिया में कर सकता है और स्मोकिंग के बाद अगर उसको कुछ खाना पीना है तो रेस्टोरेंट के अंदर उसे परोसा जा सकेगा. लेकिन वर्मा के मुताबिक दिल्ली सरकार इस आदेश पर पांच महीने से बैठी रही.
बीजेपी एमएलए सिरसा ने दावा किया कि उन्होंने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद एनजीटी में केस दायर किया और दिल्ली में चल रहे अवैध हुक्का बारों पर पाबंदी की अपील की. एनजीटी ने भी दिल्ली सरकार को तलब किया. तब कहीं जाकर सरकार की नींद खुली और अब सिर्फ बयान जारी कर सत्येंद्र जैन अवैध हुक्काबारों पर पाबंदी की बात कर रहे हैं, जबकि एक्शन के नाम पर कुछ नहीं किया.
सिरसा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार नशे के इस कारोबार को लेकर संजीदा नहीं है और जानबूझकर हुक्का बारों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. अब हुक्का बार पर पाबंदी के लिए केंद्र से पांच महीने पहले नोटिफिकेशन हो गया. दिल्ली सरकार ने भी पाबंदी का ऐलान कर दिया, लेकिन अभी भी हुक्काबार धड़ल्ले से चल रहे हैं और हुक्का बार पर पाबंदी के नाम पर सिर्फ सियासत ही हो रही है.