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सामाजिक सुधार का विरोध करने वाला अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारेगा: नीतीश

बिहार में लागू शराबबंदी से इस अभियान की तुलना करते हुए नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार लोगों ने नशा मुक्ति के पक्ष में अपनी भावनाओं को व्यक्त किया उसी तरह मानव श्रृंखला में शामिल होकर इस कुरीति को खत्म करने का निश्चय लिया है.

मानव श्रंखला के दौरान नीतीश कुमार मानव श्रंखला के दौरान नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST

बिहार में बाल विवाह और दहेज उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन हुआ. पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस आयोजन के बाद कहा कि बाल विवाह और दहेज उन्मूलन के लिए संकल्प करने के लिए यह मानव श्रृंखला बनाई गई है. आयोजन में बीजेपी और जेडीयू के तमाम आला नेता, मंत्री, विधायक शामिल हुए.

सीएम नीतीश ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से लोगों के अंदर उत्साह का भाव संचारित हुआ है और पूरे बिहार में सभी लोगों के मन में यह बात गई है कि बाल विवाह गैरकानूनी है. साथ ही 18 साल से कम उम्र के लड़की की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं होनी चाहिए.

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नीतीश कुमार ने कहा कि अब वह धीरे-धीरे आम लोगों के बीच धारणा बनी है कि यह सामाजिक कुरीति है इसीलिए हमने बापू के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2017 से बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागृति पैदा करने के लिए लगातार अभियान चलाया है और ये जारी रहेगा.

बिहार में लागू शराबबंदी से इस अभियान की तुलना करते हुए नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार लोगों ने नशा मुक्ति के पक्ष में अपनी भावनाओं को व्यक्त किया उसी तरह मानव श्रृंखला में शामिल होकर इस कुरीति को खत्म करने का निश्चय लिया है. उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला में लोगों के भागीदारी काफी संतोषजनक है.

दिखा नया राजनीतिक रंग

सामाजिक कुरीति को दूर करने के लिए आयोजित इस मानव श्रंखला में नया राजनीतिक रंग भी देखने को मिला. पिछले साल शराबबंदी के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव खड़े थे और कांग्रेस भी साथ में थी. इस साल बाल विवाह और दहेज के खिलाफ उनके साथ बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खड़े दिखे.

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पिछली बार विपक्ष में रहते हुए भी बीजेपी ने शराबबंदी के समर्थन में खड़ी रही लेकिन इस बार विपक्ष में आरजेडी और कांग्रेस थी लेकिन वो बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सरकार के साथ खड़ी नहीं हुईं, उल्टा उसका विरोध करती रही.

जेडीयू से सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाले कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि वो इस मानव श्रृंखला को नैतिक समर्थन देते हैं लेकिन आरजेडी के नेताओं ने इसे ढोग करार दिया. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह नीतीश कुमार की नौटंकी है मानव श्रृंखला से कोई फर्क नहीं पड़ता, फर्क पड़ता तो पिछले साल शराबबंदी के पक्ष में हुए मानव श्रृंखला के बाद शराब की तस्करी रुक जानी चाहिए थी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि समाज सुधार के आयोजनों को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. अगर कोई समाज सुधार की चीजें का विरोध करेगा या मजाक उड़ाएगा तो अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारेगा.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि अच्छा होता कि आरजेडी, कांग्रेस भी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मानव श्रृंखला में शामिल होकर अपना समर्थन देते. लेकिन पिछले साल जो लोग शराबबंदी के पक्ष में मुख्यमंत्री के साथ खड़े थे वे आज विरोध कर अभियान का मजाक उड़ा रहे हैं.

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सुशील मोदी ने मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए तमाम बिहारवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि दहेज और बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति हैं जिसका खात्मा केवल कानून से संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि डेढ़ सौ साल पहले बने कानून के बावजूद बिहार जैसे राज्य में आज भी सौ में 39 लड़कियां बाल विवाह का शिकार होती हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों का खात्मा कानून के साथ-साथ ऐसे ही जागरूकता अभियान के जरिए ही मुमकिन है. कानून दंडित तो कर सकता है लेकिन हृदय परिवर्तन नहीं कर सकता. जब समाज जाग उठता है तो किसी भी प्रकार का सुधार और बदलाव संभव हो जाता है. सती प्रथा जैसी कुरीति का अंत भी केवल कानून से नहीं बल्कि सामाजिक जनचेतना से ही संभव हो सका थी.

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