
एजेंडा आज तक के 13वें सेशन में शिक्षा के एजेंडे पर बात हुई. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए कुछ खामियां भी स्वीकार की. उन्होंने कहा कि कॉलेजों की कटऑफ देखकर बतौर मां मेरा दिल बैठ जाता है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा के ढांचे को परिपक्व बनाने की जरूरत है. सरकार शिक्षा में परिवर्तन की ओर बढ़ रही है. शिक्षा के ढांचे को पूरे देश में बेहतर बनाने की कोशिश चल रही है. सरकरी स्कूलों में हमने शाला दर्पण नाम की योजना शुरू की है. इसके तहत अभिभावकों को बच्चे की जानकारी उपलब्ध रहेगी.
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि विदेशों से भारत में पढ़ाने के लिए 400 शिक्षक आएंगे. केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी बदलाव किया जा रहा है. आने वाले समय में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा.
असहिष्णुता के सवाल पर ईरानी ने कहा, 'इस मुद्दे पर लोग राजनीति कर रहे हैं. मैं हिंदू महिला हूं, पारसी से शादी किया है. जिन बच्चों को अपनी कोख से जन्म दिया, उसे हिंदू ने ही पारसी बनाया. मैं सहिष्णुता पर इससे बड़ा उदाहरण नहीं दे सकती. मैं अपने बच्चों को गीता का पाठ भी करवाती हूं.'
राहुल पर बरसीं स्मृति
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की टिप्पणी की लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोकतंत्र का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, देश के लोकतंत्र और न्यायपालिका का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता. अगर उन्हें लगता है कि देश का न्यायिक तंत्र किसी के निर्देशों पर चलता है तो देश की अदालत का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता.’