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43200 बार रेप की शिकार हुई ये लड़की, हकीकत जान कर सहम जाएंगे

उस लड़की को अब मर्द के नाम से ही नफरत हो गई है. प्यार, शादी और सेक्स जैसे शब्द सुनकर उसे उल्टी आने लगती है. उसकी आंखों में दर्द साफ झलकता है. वो अपने बीते हुए दिनों को कभी याद नहीं करना चाहती. मानव तस्करी का शिकार बनी उस लड़की का दावा है कि उसके साथ 43,200 बार बलात्कार किया गया.

तस्करों के चंगुल से आजाद हुई कार्ला अब भी सहम जाती है तस्करों के चंगुल से आजाद हुई कार्ला अब भी सहम जाती है
परवेज़ सागर
  • मैक्सिको सिटी,
  • 17 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

उस लड़की को अब मर्द के नाम से ही नफरत हो गई है. प्यार, शादी और सेक्स जैसे शब्द सुनकर उसे उल्टी आने लगती है. उसकी आंखों में दर्द साफ झलकता है. वो अपने बीते हुए दिनों को कभी याद नहीं करना चाहती. मानव तस्करी का शिकार बनी उस लड़की का दावा है कि उसके साथ 43,200 बार बलात्कार किया गया.

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सच्ची दास्तान
यह सच्ची कहानी एक ऐसी लड़की की है जो मानव तस्करी का शिकार बनी. जिसे न जाने कितनी बार बेचा गया और कितनी बार खरीदा गया. न जाने कितने ही वहशी दरिंदों ने उसके जिस्म को कई बार नोचा. उस लड़की की मानें तो एक दिन में तीस-तीस मर्दों ने उसके साथ बलात्कार किया. वो चीखती थी, मदद के लिए गुहार लगाती थी, मगर उसकी सुनने वाला कोई नहीं था.

यह दर्दभरी दास्तान है मैक्सिको सिटी में रहने वाली कार्ला जैसिंटो की. जो मैक्सिको और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में अंडरवर्ल्ड के उस चेहरे को बेनकाब करती है, जो अब तक मेक्सिको की दस हजार से ज्यादा लड़कियों की जिंदगी तबाह कर चुका है.

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5 साल की उम्र में हुई थी छेड़छाड़
कार्ला जैसिंटो की जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा तस्करों के चंगुल में बीता. तस्करों के हाथों से मुक्त होकर आई कार्ला जैसिंटो ने अब जाकर दुनिया को आपबीती सुनाई है. सीएनएन को दिए गए एक इंटरव्यू में कार्ला ने अपनी जिंदगी के इस काले सच का खुलासा किया है कि कैसे उसकी जिंदगी को रौंदा गया. जिसने भी उसकी कहानी को सुना वो हैरान रह गया. कई लोगों की हवस का शिकार बन चुकी कार्ला जैसिंटो के साथ पहली बार छेड़छाड़ तब हुई जब वह पांच साल की थी.

12 साल की उम्र में तस्कर ने फंसाया

कार्ला जैसिंटो बताती हैं कि जब वह पांच साल की थी तो उसके एक रिश्तेदार ने घर में ही उसके साथ छेड़छाड की थी. जब वह 12 साल की थी तब एक मानव तस्कर की नजर उस पर पड़ी. वह शहर के एक मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी होकर अपने दोस्तों का इंतजार कर रही थी. तभी कैंडी बेचने वाला एक लड़का उसके पास आया और उसे एक कैंडी देकर कहा कि ये किसी ने उसके लिए एक गिफ्ट भेजा है.

थोड़ी देर बाद एक आदमी उसके पास आया और उसने कार्ला को बताया कि वह पुरानी कार खरीदने बेचने का काम करता है. उसी ने कैंडी भी भिजवाई थी. उस आदमी ने कार्ला को अपना नंबर दिया और उसका नंबर ले लिया. करीब एक हफ्ते बाद उस आदमी ने कार्ला को फोन किया और उसे अपने साथ एक ट्रिप पर जाने का ऑफर किया. वो इस बात से उत्साहित थी. उसे नहीं पता था कि उसके साथ क्या होने वाला है.

हर तरफ लगे थे लाल झंडे

वह आदमी एक लाल रंग की महंगी कार में उसे बैठाकर अपने साथ ले गया. वह एक ऐसी जगह थी जहां हर तरफ लाल झंडे लगे थे. एक दिन जब कार्ला को रात में घर आने में देर हो गई तो वह आदमी उसे अपने साथ ले गया. वह तीन माह तक उस आदमी के साथ रही वो उसे प्यार करता था. उसे नए कपड़े दिलाता था. चॉकलेट और गिफ्ट देता था. अभी तक सब ठीक चल रहा था.

कार्ला जैसिंटो से उम्र में दस साल बड़ा उसका प्रेमी हफ्तेभर के लिए कार्ला को घर पर अकेला छोड़कर किसी काम से बाहर चला गया. तो उसने देखा कि उस आदमी का चचेरा भाई हर दिन उसके जैसी नई लड़की साथ आता था और चला जाता था. बहुत सब्र करने के बाद उसने यह पूछने की हिम्मत जुटाई कि आप लोग क्या काम करते हैं. उस लड़के ने कार्ला को सच बता दिया और कहा कि वे दलाल हैं.

कार्ला को सिखाया सेक्स का सबक

कार्ला के मुताबिक उस दिन के बाद उस आदमी ने उसे सबकुछ बताना शुरू कर दिया. 'वह मुझे यौन आसन, यौन प्रकिया के साथ साथ यह भी सिखाने लगा कि मुझे कैसे ग्राहक से बात करनी होगी कैसे उसका दिल जीतना होगा, कैसे उसका रिझाना होगा और इस काम के लिए कितना पैसा लेना होगा.'

कार्ला का बुरा वक्त

कार्ला का बुरा वक्त शुरू हो गया था. उसे मेक्सिको के सबसे बड़े शहरों में से एक ग्वाडलहारा ले जाया गया और वहां एक वेश्या के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया. वह सुबह दस बजे से काम शुरू करती और आधी रात तक यही सिलसिला चलता. वह सात दिन तक वहां रही. हर दिन बीस लोग उसके जिस्म को नोंचने लगे. वह रोती रही. लोग उस पर हंसते थे लेकिन वो आंखें बंद कर लेती और जो उसके साथ होता उसे नहीं देखती.

एक दिन में 30 ग्राहक

उसकी मुश्किलें बढ़ने लगी थी. उसे दूसरे शहरों में भेजा जाने लगा. उसे वेश्यालयों, सड़क के किनारे मोटल और यहां तक ​​कि घरों में भी वेश्यावृत्ति के लिए भेजा जाने लगा. वहां कोई छुट्टी नहीं थी. किसी दिन आराम नहीं था. कुछ दिनों के बाद तो हर दिन 30 ग्राहक उसका जिस्म नोंचते उसके साथ बलात्कार करने लगे. यह सिलसिला बिना रुके लगातार चलता रहा.

होती थी पिटाई

कार्ला ने बताया कि एक बार उसके तस्कर जॉन ने उसे बुरी तरह पीटा था. उसने उसे लात मारी, मुक्का मारा, उसके चेहरे पर थूका और उसके बाल खींचे. यहां तक कि गर्म प्रेस से जलाया. उसे लगता था कि वह एक ग्राहक के साथ प्यार के चक्कर में पड़ गई है. उसने तस्कर को समझाया पर वह नहीं माना.

पुलिसवाले भी करते थे शोषण

एक दिन कार्ला वेश्यावृत्ति के लिए मशहूर एक होटल में ग्राहक के साथ थी तभी वहां पुलिस ने छापा मार दिया. सारे ग्राहकों को वहां से निकाल दिया गया. होटल बंद कर दिया गया. उन्हें लग रहा था कि यह उनका लकी डे है. सारी लड़कियां और कार्ला इसे एक पुलिस का आॅपरेशन समझ रही थीं.

मगर पुलिस अधिकारियों में से एक 30 वर्षीय महिला अधिकारी ने सब लड़कियों को होटल के कमरों में भेज दिया और अलग अलग उत्तेजित मुद्राओं में उनका वीडियो शूट कर लिया. जिस बात को लड़कियां राहत समझ रही थी वो आतंक में बदल चुकी थी. उस अधिकारी ने कहा कि उन्हें जो कहा जाए वैसा ही करना होगा वरना ये वीडियो उनके घरवालों को भेज दि‍या जाएगा.

पुलिस की ब्लैकमेलिंग

वहां बहुत सी छोटी लड़किया भी थीं जिनकी उम्र दस साल रही होगी. वहां सभी नाबालिग लड़कियां थी. कई लड़कियां रो रही थी. लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा था. कार्ला उस वक्त तेरह साल की थी. पुलिस के अधिकारी उस वीडियो के नाम पर लड़कियों को ब्लैकमेल करने लगे थे.

गर्भवती होना गुनाह था

इस धंधे में गर्भवती होना या बच्चे पैदा करना बहुत बड़ी परेशानी माना जाता है. कार्ला ने भी 15 साल की उम्र में एक बच्ची को जन्म दिया. उसके दलाल ने उसे बच्ची को कब्जे में कर लिया. वह नवजात बच्ची के सहारे उसे डराने धमकाने लगा. उसने कार्ला से कहा कि अगर उसने काम में आनाकानी की तो वह बच्ची को मार डालेगा. कुछ दिन बाद ही कार्ला की बेटी को उससे दूर कर दिया गया. उसे उससे मिलने की इजाजत नहीं थी जब तक कि वह बच्ची एक साल की नहीं हो जाती.

2008 में कार्ला को मिली आजादी

और आखिरकार एक लंबे अर्से के बाद वो दिन आ ही गया जब कार्ला को आजादी मिल गई. साल 2008 में कार्ला जैसिंटो को मेक्सिको पुलिस ने एक मानव तस्कर विरोधी अभियान के तहत मुक्त करा लिया. और तभी से वह मेक्सिको में रह रही है. अभी हाल में उसने अपने साथ हुए दर्दनाक हादसों को उजागर किया है.

देह व्यापार, तस्करी का ठिकाना है टेननसिंगो

यहां मानव तस्करी का कारोबार इतना बढ़ गया है कि उसके लिए सीमाएं भी कोई मायने नहीं रखती. यह कारोबार बिना किसी परेशानी के मध्य मेक्सिको से अटलांटा और न्यूयार्क जैसे शहरों को जोड़ता है. यूएस और मेक्सिको के अधिकारियों की नजर इस धंधे के सबसे बड़े ठिकाने टेननसिंगो पर लगी रहती है.

टेननसिंगो, मेक्सिको का वो कस्बा है जहां मानव तस्करी के लिए लाई गई लड़कियों को जबरन जिस्मफरोशी के धंधे में डालने से पहले रखा जाता है. इस कस्बे की जनसंख्या केवल 13000 है. और यह देह व्यापार का बड़ा अड्डा बन चुका है.

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