
बिहार की बेटी पद्मावती गंगा की अविरलता के लिए कई दिनों से हरिद्वार में आमरण अनशन पर बैठी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आश्वसन के बावजूद साध्वी पद्मावती ने अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया. जिसके बाद नीतीश कुमार ने पद्मावती की प्राण रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर गंगा की अविरलता और साध्वी की प्राण रक्षा के लिए इस मुद्दे पर आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है.
साध्वी ने किया था अनशन तोड़ने से इनकार
इससे पहले साध्वी पद्मावती के अनशन को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में पहल की थी. उन्होंने अपने जल संसाधन मंत्री संजय झा और नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार को हरिद्वार भेजकर साध्वी से अनशन तोड़ने का आग्रह करवाया था. लेकिन साध्वी ने कहा जब तक गंगा अविरल नहीं हो जाती तब तक वो अनशन पर बैठेंगी.
बताया जा रहा है कि 23 वर्षीय पद्मावती बिहार के नालंदा की रहने वाली हैं. पद्मावती पिछले 15 दिसंबर से गंगा की अविरलता के लिए हरिद्वार के मातृसदन में आमरण अनशन पर बैठी हैं. गुरुवार को नीतीश कुमार के प्रतिनिधि मंत्री और सांसद साथ में जलपुरुष राजेन्द्र सिंह, जन-जन जोड़ो अभियान के संयोजक पंकज मालवीय ने भी साध्वी को आश्वाशन देकर अनशन तुड़वाने की कोशिश की. लेकिन पद्मावती ने अपने मांगों के जमीन पर उतरने तक अनशन पर बैठने का निर्णय दोहराया.
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मातृसदन के संचालक ने नीतीश को लिखा खत
वहीं मातृसदन के संचालक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर उनके प्रयासों पर आभार जताया. उन्होंने लिखा, 'आप गंगा की अविरलता और पद्मावती की प्राण रक्षा चाहते हैं ये जगजाहिर हैं. उन्होंने लिखा है कि आपने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द प्रधानमंत्री से बातचीत कर गंगा की अविरला सुनिश्चित किया जाए और पद्मावती के प्राण की रक्षा भी हो सके.'
CM नीतीश ने लिखा PM को पत्र
इससे पहले नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, 'आप गंगा की अविरलता के लिए सदा प्रत्यशील है. हमने भी 2017 में गंगा कि अविरलता को लेकर पटना और दिल्ली में दो सम्मेलन कराये थे. उसमें तमाम विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था.
इन सम्मेलनों के घोषणा पत्र को जल शक्ति मंत्रालय केन्द्र सरकार को भी भेजा गया था. इसलिए पद्मावती के उठाए गए मुद्दों पर सार्थक पहल करके उनका अनशन समाप्त करने की कृपा करें.'