
यह एक प्रेम के बलिदान की कहानी है. कहानी का नायक है एक पति, जिसने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने के लिए अपनी बसी बसाई गृहस्थी का बलिदान कर दिया. गृहस्थी कोई एक-दो साल की नहीं बल्कि 10 सालों की थी. दोनों के दो बच्चे भी थे. पति ने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से न सिर्फ कानूनी तरीके से कराई बल्कि दहेज में दोनों बच्चे भी दे दिए. यह सच्ची है कहानी बिहार के हाजीपुर की.
हाजीपुर के ऊंचीडीह के रहने वाले अरुण और मधु की शादी दस पहले हुई थी शादी के बाद दो बच्चे भी हुए. लेकिन हाजीपुर के मायके में पत्नी मधु का पड़ोस में रहने वाले श्रवण चौरसिया से आंखें चार हुईं और श्रवण मधु से मिलने उसके ससुराल आने-जाने लगा. पति को इसकी भनक तब लगी जब प्रेमी मधु से मिलने ससुराल पहुंचा.
पेशे से कारपेंटर पति अरुण भागा-भागा घर पहुंचा और पत्नी से इस बारे में पूछा तो पत्नी ने प्रेमी और पति के सामने अपने इश्क का ऐलान कर दिया. पति अरुण ने पत्नी को समझाने का बहुत प्रयास किया. लेकिन प्रेम में पागल मधु की जिद के आगे हारकर अरुण ने मधु को उसके प्रेमी के हवाले कर दिया.
स्थानीय लोगों की मौजूदगी में देर रात गांव के मंदिर में अरुण ने पूरे रीति-रिवाज के साथ पत्नी की शादी प्रेमी श्रवण से करा दी. पति अरुण ने पत्नी की मर्जी के अनुसार दो बेटियों को भी प्रेमी के साथ जाने की रजामंदी दे दी. मधु ने दोनों बच्चों के साथ एक स्थानीय मंदिर में गांव वालों के सामने प्रेमी के साथ सात फेरे लिए. बाद में बाकायदा कोर्ट के दस्तावेज बनवाए गए जिसके बाद अरुण ने मधु को उसके प्रेमी श्रवण को सौंप दिया.
पति अरूण कुमार ने कहा कि वो जब वो श्रवण के साथ पकड़ी गई तब मैंने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो जिद पर अड़ गई कि शादी श्रवण से ही करेगी. वह चाहती थी कि बच्चे उसके साथ रहें तो मैंने बच्चे भी सौंप दिए. रहिमापुर पंचायत के मुखिया नागेंद्र सिंह का कहना है कि, हमने सब लोगों की राय ली सभी गांव वाले शादी कराने के पक्ष में थे. यह फैसला सबकी सहमति से लिया गया है.