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न जेल से न बंदूक से, हम किसी से डरने वाले नहीं हैं: अकबरुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन औवैसी ने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं.

अकबरुद्दीन औवैसी (फाइल फोटो) अकबरुद्दीन औवैसी (फाइल फोटो)
आशीष पांडेय
  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

  • अकबरुद्दीन ने कहा- ये मुल्क मेरा था, मेरा है और मेरा रहेगा
  • अकबरुद्दीन बोले- हम हैं, डरने की कोई जरूरत नहीं है

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम जेल और बंदूक से डरने वाले नहीं हैं, कुछ नहीं होने वाला है, कोई पैदा नहीं हुआ जो हमें इस मुल्क से निकाल सके.

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए ओवैसी ने कहा, 'वक्त आने पर बताएंगे कि ये मुल्क मेरा था, मेरा है और मेरा रहेगा. ये मुल्क किसी की जागीर नहीं है. हम हैं, कोई डरने की जरूरत नहीं है.'

साल 2019 के जून महीने में अकबरुद्दीन ओवैसी लंदन से इलाज करवाकर लौटे थे. अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रयानगुट्टा से विधायक हैं.

'सरकार देश के अंदर फूट डालना चाहती है'

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं. उन्होंने बीते 29 दिसंबर को कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर सरकार देश के अंदर फूट डालना चाहती है. उन्होंने कहा कि इस कानून का जबरदस्त विरोध किया जाएगा.

किशनगंज के रुईदासा मैदान में 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशना साधा था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन कानूनों के जरिए बाबा साहेब और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सपनों को तोड़ रही है.

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उन्होंने कहा था, 'ये मसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ लोगों का मसला है. इस पर हम लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसका विरोध लगातार किया जाएगा.'

ओवैसी ने मोदी पर मुसलमानों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के मुसलमानों ने भी आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी थीं. उन्होंने किसी से नहीं डरने की बात करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने संविधान लागू करते समय इस बात का जिक्र किया था कि यह देश किसी एक खास मजहब के लोगों का नहीं, बल्कि सभी मजहब को मानने वालों का होगा.

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था, 'आखिर पीएम (प्रधानमंत्री) मोदी को देश के मुसलमानों से इतनी नफरत क्यों है? क्या वे देश की तरक्की में बराबर के हिस्सेदार नहीं हैं?'

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