
हैदराबाद गैंग रेप कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. 27 नवंबर 2019 को एक वेटरनरी डॉक्टर के साथ चार लड़कों ने हैवानों जैसी हरकत की और गैंग रेप के बाद उसके शव को जला दिया था. इस केस में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए थे और जेल भेज दिए गए थे. पुलिस जब उन चारों को शुक्रवार सुबह घटनास्थल पर लेकर गई तो उन्होंने भागने की कोशिश की. नतीजन, तेलंगाना पुलिस के साथ एनकाउंटर में चारों आरोपी मारे गए. हमने कोशिश की है वारदात की जगह और एनकाउंटर की जगह को मैप पर दिखाने की.
हैदराबाद रेलवे स्टेशन से 24 किलोमीटर दूर शमशाबाद टोल प्लाजा है जहां पीड़िता ने अपनी स्कूटी रखी थी. यहीं पास के खाली मैदान में पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया. घटनास्थल के पास ही राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है.
गैंगरेप के बाद आरोपी, शमशाबाद टोल प्लाजा से पीड़िता को 27 किलोमीटर दूर चत्तनपल्ली पुलिया तक ले जाते हैं और जला देते हैं. यह जगह तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के शादीपुर में आती है. इस पुलिया के आसपास खाली जगह है और चारों तरफ सन्नाटा रहता है. यह जगह राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ही मौजूद है. इसी जगह पर चारों आरोपियों का शुक्रवार 6 दिसंबर 2019 की सुबह 3 से 6 बजे के बीच एनकाउंटर हुआ.
ऐसे समझें 'दिशा केस' की पूरी घटना
बता दें कि बुधवार 27 नवंबर 2019 को शाम 5 बजकर 50 मिनट पर गैंगरेप पीड़िता दिशा (बदला हुआ नाम) अपने घर शमशाबाद से स्किन की डॉक्टर को दिखाने के लिये निकली थीं. शाम 6 बजकर 10 मिनट पर वह शमशाबाद टोल प्लाजा पर स्कूटी पार्क कर चली गई. उन्होंने टोल से एक शेयरिंग कैब की और स्किन डॉक्टर को दिखाने चली गईं.
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रात 9 बजकर 10 मिनट पर जब वह डॉक्टर से मिलकर टोल प्लाजा लौट कर आईं तो उन्हें अपनी स्कूटी पंक्चर मिली. जहां उनकी स्कूटी पंक्चर हुई थी, वहीं एक ट्रक भी खड़ा था. ट्रक के बाहर चार लोग खड़े थे जो पीड़िता की मदद करने का दिखावा कर रहे थे.
कुछ देर तक तो पीड़िता को कुछ समझ नहीं आया. फिर वह 9 बजकर 20 मिनट पर बहन को फोन कर बोलती हैं कि उन्हें डर लग रहा है. बहन से उनकी करीब 6 मिनट बात होती है. उसके बाद जब 9 बजकर 40 मिनट पर बहन कॉल बैक करती है तो मोबाइल फोन स्विच ऑफ दिखाता है.
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उसके बाद ट्रक के बाहर खड़े 18 से 22 साल के चारों लड़के रात के अंधेरे में उसे खींचकर सड़क से लगे मैदान पर खींचकर ले जाते हैं. गैंगरेप के समय एक आरोपी पीड़िता के मुंह में कपड़ा ठूंस देता है जिससे कि आवाज न निकल सके. इस वजह से पीड़िता का दम घुट जाता है और मौत हो जाती है. वहीं, आरोपियों में से एक लड़का स्कूटी की पंक्चर ठीक कराकर ले आता है.
गैंगरेप के बाद दो लड़के पीड़िता की बॉडी को स्कूटी पर बीच में रख देते हैं. एक लड़का स्कूटी चला रहा होता है और दूसरा लड़का पीछे बॉडी को पकड़ कर बैठा होता है. आगे-आगे ट्रक चलता है, पीछे-पीछे स्कूटी. फिर वहां से करीब 27 किलोमीटर दूर चत्तनपल्ली पुलिया, शादीपुर के नीचे पीड़िता के शव को पेट्रोल से जला दिया जाता है. वारदात के 8 दिन बाद इसी इलाके में चारों आरोपियों का एनकाउंटर हो जाता है.