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'भारत माता की जय' बोलने का विवाद अब राजनैतिक गलियों से होते हुए अब धार्मिक घरानों में भी पहुंच गया है. प्रभावशाली इस्लामिक मदरसे जामिया निजामिया ने इस बाबत एक फतवा जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि इस्लामिक मान्यताएं और तर्क मुस्लिमों को 'भारत माता की जय' का नारा लगाने की इजाजत नहीं देते हैं.
शुक्रवार को जारी इस फतवे की मदरसे के फतवा सेंटर के प्रमुख मुफ्ती अजीमुद्दीन ने अपनी ओर से व्याख्या भी की है. उन्होंने कहा कि तर्कों के आधार पर एक इंसान ही दूसरे इंसान को जन्म दे सकता है और भारत की जमीन को माता बताना तर्कों से उलट है.
मदरसे ने यह भी कहा कि अगर कोई भारत की जमीन को अपनी मां मानता है तो यह उस व्यक्ति की निजी धार्मिक मान्यता है, लेकिन इसके लिए वह किसी को बाध्य नहीं कर सकता.
ओवैसी बोले- 'घर वापसी' है असली मकसद
दूसरी ओर, AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने 'भारत माता की जय' का मामला 'घर वापसी' को प्रमोट करने के लिए उठाया है. उन्होंने कहा कि वह हिंदुत्व के खिलाफ हैं, हिंदुओं के नहीं. ओवैसी ने कहा, 'मैं अपने देश की पूजा नहीं करता, लेकिन मैं अपने देश से प्यार करता हूं. मैं अपने देश के लिए वफादार हूं.'