
हैदराबाद की रहने वाली एक महिला सऊदी अरब में फर्जी ट्रैवल एजेंट्स का शिकार हो गई है. पीड़ित महिला को इसी साल दो एजेंट्स ने घरेलू काम करने के वीजा पर सऊदी अरब भेजा था. सऊदी अरब पहुंचते ही महिला को तीन लाख रुपये में बेच दिया गया. पीड़िता सऊदी में मानसिक और शारीरिक यातनाएं झेल रही है. पीड़िता की बेटी ने भारत सरकार और तेलंगाना सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
पीड़ित महिला का नाम सलमा बेगम है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सलमा ने अपनी बेटी को मैसेज भेजकर बताया कि उसे यहां पर तीन लाख रुपये में बेच दिया गया है. हैदराबाद के बाबानगर इलाके की रहने वाली सलमा की बेटी समीना ने बताया कि इसी इलाके में रहने वाले दो एजेंट्स अकरम और शफी ने उसकी मां को धोखा दिया है.
समीना ने बताया कि उसकी मां को तीन लाख रुपये में बेचा गया है. उसकी मां अपने वतन लौटना चाहती हैं लेकिन उनका कफील (स्पॉन्सर) उन्हें लौटने नहीं दे रहा है. समीना ने बताया कि सऊदी पहुंचते ही उसकी मां को कफील के साथ कांट्रैक्ट मैरिज साइन करने के लिए कहा गया. मना करने पर उसकी मां को प्रताड़ित किया जाने लगा.
वापस नहीं आने दे रहा कफील
सलमा ने समीना को ऑडियो मैसेज भेज बताया कि उनके कफील ने उन्हें तीन लाख रुपये में खरीदा था, इसलिए वह उन्हें वापस नहीं आने दे रहा है. समीना ने आरोप लगाया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कंचनबाग पुलिस ने आरोपी एजेंट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
एजेंट ने कही थी सलमा को वापस लाने की बात
समीना की मानें तो अकरम ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि 20 फरवरी तक वह उसकी मां को भारत वापस ले आएगा, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी सलमा अभी तक सऊदी में अपने कफील के चंगुल में फंसी हुई है. सलमा ने ऑडियो मैसेज में केंद्र सरकार से भारत लौटने में मदद करने की अपील की है.
तेलंगाना सरकार से हस्तक्षेप की मांग
वहीं समीना ने तेलंगाना सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है. बताते चलें कि कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) के सदस्य देश हैं. यहां पर बाहर देश से आए लोगों के लिए कफाला सिस्टम चलता है.
कफील की इजाजत के बिना नहीं छोड़ सकते देश
इसके तहत इन देशों में आने वाले लोगों को किसी स्थानीय नागरिक या कंपनी द्वारा स्पॉन्सर किया जाना जरूरी होता है. एक बार यहां आने के बाद वह शख्स अपने स्पॉन्सर की मर्जी पर निर्भर हो जाता है. ज्यादातर जीसीसी देशों में मालिक की इजाजत के बिना कोई देश छोड़कर नहीं जा सकता है. इसी बात का फायदा उठाकर उनका शोषण किया जाता है.