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भारतीय रुपये की गिरती कीमतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर बने रघुराम राजन ने बढ़ती उम्मीदों पर यह कहकर लगाम लगाने की कोशिश की है कि 'मैं एक सुपरमैन नहीं हूं.' स्वयं को एक सामान्य व्यक्ति करार देते हुए राजन ने शनिवार को वाशिंगटन में श्रोताओं को बताया कि आरबीआई क्या कर सकता है और क्या नहीं कर सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आर्थिक सलाहकार राजन ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस में कहा कि उम्मीदें काफी अधिक हैं. भारत में इस बारे में थोड़ा उत्साह है. राजन ने कहा लेकिन "मैं सुपरमैन नहीं हूं.'
आईएमएफ और विश्व बैंक की हाल में संपन्न हुई वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाले राजन ने कहा कि उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्था को कम समझा गया है और वित्तीय क्षेत्र में सुधार वृद्धि को आगे ले जाने के लिए अविश्वसनीय रूप से सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वित्तीय और रियल सेक्टर के सुधार से वृद्धि को आगे बढ़ाया जा सकता है. राजन ने कहा कि भारत सरकार ने कई सुधार किए हैं और उनका परिणाम आने के लिए कुछ समय चाहिए.