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लक्ष्मीबाई की बायोपिक करना चाहूंगी: तब्बू

अभिनेत्री 'तब्बू' ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई सारे किरदारों को निभाया है. नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस अब फिल्म 'दृश्यम' के साथ फिर से नजर आने वाली हैं. हमने तब्बू के साथ कुछ खास बातचीत की है, पेश हैं उसी के कुछ मुख्य अंश.

तब्‍बू तब्‍बू
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 21 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

अभिनेत्री 'तब्बू' ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई सारे किरदारों को निभाया है. नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस अब फिल्म 'दृश्यम' के साथ फिर से नजर आने वाली हैं. हमने तब्बू के साथ कुछ खास बातचीत की है, पेश हैं उसी के कुछ मुख्य अंश.

आप पुलिस अफसर के किरदार में काफी अलग दिख रही हैं?
जी, यह रोल काफी अलग है, क्योंकि ऐसा रोल मैंने आज तक नहीं किया है. काफी पावरफुल है, मुझे बहुत मजा आया क्योंकि ऐसा किरदार है जो अपने एक इशारे पर सब कुछ करवा लेती है. काश असल जिंदगी में ऐसा किरदार निभा पाती.

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पुलिस के किरदार के लिए क्या आप किसी असल जिंदगी के रोल से प्रभावित हैं?
मुझे असल जिंदगी के किसी पुलिस से प्रेरणा नहीं मिली, मैंने ओरिजिनल 'दृश्यम' देखी है. बहुत ही अनोखी फिल्म है.

क्या आप 'ग्रे शेड्स' में हैं?
मैं यह नहीं कहूंगी की यह ग्रे है, लेकिन फिल्म में हरेक किरदार के जो हालात हैं, वो अपने रोल को निभाने की भरसक कोशिश करेगा और परिवार के लिए लड़ना प्राथमिकता रहती है. वैसे इस इंस्पेक्टर में 'करुणा' नाम की चीज नहीं है.

क्या आपको लगता है यह एक अवॉर्ड विनिंग रोल है?
जी मैं अवॉर्ड के लिए रोल नहीं करती. मैं किरदार के सामर्थ्य को देखती हूं और पूरा न्याय करना चाहती हूं.

आपका किरदार ओरिजिनल 'दृश्यम' जैसा ही है?
जी हां, किरदार बिल्कुल वैसा ही है बस एक्टर बदले हैं, मैंने अपने हिसाब से उस रोल को निभाया है.

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फुर्सत के पल में क्या करती हैं ?
मैं गाना गाती हूं और लिखती हूं.

आने वाली किसी फिल्म में आपको गाते हुए देखेंगे?
जी जरूर, मैं 'मिसिंग' फिल्म में गाना गा रही हूं.

'तक्षक' 'विजयपथ' और 'हकीकत' के बाद आपने अब जाकर अजय देवगन के साथ काम किया है, कोई बदलाव देखा आपने अजय में ?
अजय बहुत ही आराम से काम करते हैं. काम के प्रति काफी बेहतरीन हैं. उनको पता है फिल्म में हरेक हिस्से को निभाना कितना जरूरी है. शूटिंग का पूरा माहौल एक पिकनिक की तरह था.

पहली बार आप अजय से लड़ती हुई नजर आएंगी ?
जी बहुत बुरा लगा, एक दूसरे के अपोजिट होना सही नहीं लगा.

खुद वर्दी पहनकर कैसा महसूस कर रही थी ? एक्शन भी किया अपने ?
बहुत अच्छा लगा, एक्शन करने का मौका नहीं मिला.

बॉक्स ऑफिस के रिजल्ट कितने महत्‍वपूर्ण होते हैं?
जी बॉक्स ऑफिस अहमियत तो रखता ही है. अगर कोई कहता है की बॉक्स ऑफिस से उसको कोई फर्क नहीं पड़ता तो शायद वह गलत है. लेकिन मैं अपने काम को बॉक्स ऑफिस के हिसाब से सेलेक्ट नहीं करती. सभी चाहते हैं की फिल्म हिट जरूर हो.

युवा एक्टर्स के बारे में क्या सोचती हैं ?
सभी मेहनती हैं, सब कॉंफिडेंट हैं, अपने करियर के लिये एकदम क्लियर हैं.

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कभी डायरेक्शन के बारे में सोचती हैं?
बड़ी जिम्मेदारी है, पूरी जहाज को लेकर साथ चलना पड़ता है.

कॉमेडी फिल्में नहीं करती हैं ?
ऑफर नहीं हुई ना.

'फितूर' में पूरी शूटिंग फिर से हो रही है ?
जी , पहले कुछ भी शूट नहीं हुआ था, तो मेरा हिस्सा पूरा अभी शूट हो रहा है.

बायोपिक का जमाना है, किसी की बायोपिक करना चाहेंगी ?
(सोचते हुए) मुझे लक्ष्मीबाई का किरदार काफी पसंद है. वो करना चाहूंगी.

आपने 14 साल की उम्र में देव आनंद साहब की बेटी का किरदार निभाया था, कुछ यादें हैं ?
जी जब भी मैं महबूब स्टूडियो जाती हूं तो उनकी बहुत याद आती है और 'सन एंड सैंड' होटल में उनका एक कमरा हमेशा बुक रहा करता था , तो उनसे अक्सर मिलते थे. बहुत ही बेहतरीन इंसान और कलाकार थे देव साहब.

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