
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नीतीश कुमार को जेडी(यू) के सुप्रीम लीडर के तौर पर स्वीकार करते हैं और दावा करते हैं कि राज्य के विकास के लिए वे नीतीश कुमार के व्यापक रोडमैप को ही फॉलो कर रहे हैं, वे इस बात पर जोर देते हैं कि वे जो कुछ भी कह रहे हैं वह सच है और वे चुप नहीं रह सकते. मांझी के साथ इंडिया टुडे के एसोसिएट एडीटर अमिताभ श्रीवास्तव की बातचीत के कुछ अंश:
एक ऐसी स्थित बनी हुई है जिसकी वजह से लोगों को लग रहा है कि पार्टी में आपके बयानों को लेकर संकट है?
ऐसा कुछ नहीं है. ये सारी बातें मनगढ़ंत हैं. मीडिया के लोग, आप लोग ऐसा बता कर एंज्वॉय करते हैं. कहीं कोई संकट नहीं है.
तो आपका बयान आता है कि आप किसी की बात को नहीं मानते हैं?
हमने कहा कि हम किसी की बात को नहीं मानेंगे जो नसीहत के रूप में दी जाती है. इसलिए क्योंकि नसीहत तब दी जाती है जब कोई गलत काम होता है. हम कोई गलत काम कर ही नहीं रहे हैं. हम जिस समाज के लिए बात करते हैं और करना चाहते हैं, वही बात कर रहे हैं. और वह बात हमारे समाज को जंचता है. अगर किसी को नहीं जच रहा है तो उसकी अपनी पीड़ा है. उसकी पीड़ा से हम क्यों पीडि़त हों? उस समाज की बात हम करते रहेंगे, किसी से हम रुकेंगे नहीं.
क्या यह पार्टी के हित में है?
100 फीसदी पार्टी के हित में है.
मान लीजिए कि अगर ऐसी स्थिति बनती है कि नीतीश या पार्टी कहे कि आप इस्तीफा दे दीजिए, तो क्या आप इस्तीफा दे देंगे?
अब सवाल है कि यह तो भविष्य की बात है. इस काल्पनिक सवाल का क्या जवाब होगा.
तो पार्टी को एडवाइजरी क्यों इश्यू करनी पड़ी. कोई शर्मिंदगी थी?
हम तो नहीं समझते कि कोई शर्मिंदगी थी. हमारे बारे में जिन्होंने बोला था, वे कोई अथॉरिटी नहीं हैं. हमने उनके लिए वह बात कही थी. नीतीश कुमार और शरद यादव अथॉरिटी हैं. वे बोलेंगे तो हम जरूर मानेंगे.
आपकी पार्टी का प्रस्ताव है कि अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगा. आप अपना भविष्य कैसा देखते हैं?
हमने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं की. अगर मुख्यमंत्री पद मिल गया है और उस तौर पर जो समय मिला है, हम काम कर रहे हैं. अपना काम हम मुस्तैदी और स्व-विवेक के साथ करेंगे. हमारे विधायक दल ने फैसला लिया था कि नीतीश कुमार ही हमारे नेता रहेंगे और उन्हीं को हम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करेंगे. उस प्रस्ताव के साथ हम भी हैं. पार्टी का फैसला है. अब नया चुनाव होगा तो दूसरा विधायक दल बन जाएगा. उस समय उसका विचार क्या होगा वह जाने. अब रही बात गठबंधन में, तो लालू जी, नीतीश जी, शरद जी और कांग्रेस वाले बैठेंगे. वे जिसे मुख्यमंत्री तय करें. नीतीश जी को भी चुन सकते हैं, किसी दूसरे को भी चुन सकते हैं. वे जिसको चुनेंगे उसको मान्यता देनी चाहिए.
आपको लगता है कि महागठबंधन कायम रहेगा?
हम समझते हैं, कायम रखने में फायदा है.